रेशम प्रदर्शनी लखनऊ में

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मंत्री श्री राकेश सचान द्वारा पांच दिवसीय सिल्क एक्सपो का शुभारंभ

सिल्क एक्सपो मे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक, बंगाल, नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्यों के रेशम उत्पाद प्रदर्शित किये गये

रेशम मंत्री ने रेशम उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ 50 लोगों को पं0 दीनदयाल उपाध्याय रेशम उत्पादकता पुरस्कार से किया सम्मानित

पांच वर्षों में 700 मी0टन रेशम उत्पादन का लक्ष्य

प्रदेश को रेशम उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए अधिक से अधिक किसानों को रेशम व्यवसाय से जोड़ना होगा

रेशम व्यवसाय से जुड़े किसानों को प्रशिक्षण के लिए कर्नाटक भेजा जायेगा
-श्री राकेश सचान

उत्तर प्रदेश के रेशम विकास मंत्री श्री राकेश सचान ने आज गोमती नगर स्थित पर्यटन भवन में आज पांच दिवसीय सिल्क एक्सपो का शुभारंभ किया। यह प्रदर्शनी आज से शुरू होकर 23 जनवरी तक चलेगी। सिल्क एक्सपो मे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक, बंगाल, नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्यों के 40 रेशम वस्त्र उत्पादकों, व्यापारियों, बुनकरों द्वारा अपने रेशम उत्पाद प्रदर्शित किये गये हैं। इसके साथ ही उन्होंने पं0 दीनदयाल उपाध्याय रेशम उत्पादकता पुरस्कार योजना के शहतूती, टसर एवं अरण्डी क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ कोया उत्पादकों तथा धागाकरण एवं बुनाई क्षेत्र के उद्यमी को सर्वोत्कृष्ट कार्य के लिए 11 हजार रुपये की राशि एवं स्मृति चिन्ह देकर पुरस्कृत किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वर्तमान में 350 मी0टन रेशम का उत्पादन प्रदेश में हो रहा है, जबकि खपत 15000 मी0टन है। विगत पांच वर्षों में रेशम उत्पादन में 18 फीसदी वृद्धि हुई, जो अपेक्षा से बहुत कम है। उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्षों में 700 मी0टन का लक्ष्य प्राप्त किया जाना है। प्रदेश को रेशम उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए अधिक से अधिक किसानों को इस व्यवसाय से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वाराणसी जिले में लगभग 5000 मी0टन रेशम की खपत होती है। वहां के कारीगरों एवं उद्यमियों को शुद्ध रेशम का धागा मिले इसके लिए कर्नाटक सरकार के साथ समझौता कर सिल्क की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। यहां के किसानों को प्रशिक्षण के लिए कर्नाटक भेजा जायेगा।
विशेष सचिव एवं निदेशक रेशम श्री सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि प्रदेश में रेशम उद्योग के माध्यम से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार सुलभ कराने, रेशम उद्योग का सर्वांगीण विकास कराने एवं जनसामान्य को शुद्ध रेशमी वस्त्रों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से सिल्क एक्सपो का आयोजन विगत् वर्ष 2010-11 से लगातार कराया जा रहा है। शहतूत की झाड़ी से रेशम की साड़ी परिकल्पना को साकार रूप दिये जाने के उद्देश्य से रेशम उत्पादन से वस्त्र उत्पादन तक की सभी विधाओं यथा-गुणवत्तायुक्त रेशम कीटाण्ड उत्पादन, रेशम कीटपालन, कोया उत्पादन, धागाकरण एवं वस्त्र निर्माण तक की गतिविधियों को प्रदर्शित किया गया, इसमें आम जनमानस को शुद्ध सिल्क की पहचान, परीक्षण की व्यवस्था सिल्क एक्सपो में करायी गई है।


कार्यक्रम में रेशम कीटपालकों के मध्य प्रतिस्पर्धा जागृत किये जाने के उद्देश्य से शहतूती क्षेत्र के 35, टसर क्षेत्र के 06 एवं अरण्डी क्षेत्र के 06 चयनित सर्वश्रेष्ठ रेशम कोया उत्पादकों तथा धागाकरण क्षेत्र से 02 एवं बुनाई क्षेत्र से 01 उद्यमी को सम्मानित किया गया। सर्वोत्कृष्ट कोया उत्पादकों में शहतूती सेक्टर से श्री अजीत सिंह (लखीमपुर) एवं श्री केशवराम (बहराइच), टसर सेक्टर से श्री विनोद (झांसी), एरी सेक्टर से श्री प्रेमपुजारी (चित्रकूट) एवं धागाकरण क्षेत्र में कल्पीपारा प्रेरणा धागाकरण एवं रेशम उत्पादन समूह, बहराइच तथा औद्योगिक रेशम धागा उत्पादन समूह, जनपद पीलीभीत एवं सर्वश्रेष्ठ बुनकर श्री हरी किशन मौर्या पुत्र श्री जगरनाथ जनपद वाराणसी रहे ।
पुरस्कार वितरण समारोह में बिठूर के विधायक श्री अभिजीत सांगा, गोविंद नगर के विधायक से सुरेश नैथानी, केन्द्रीय रेशम बोर्ड के सहायक सचिव सहित विभाग वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी, उप निदेशक (रेशम), सहायक निदेशक (रेशम). कोया उत्पादक, धागाकरण उद्यमी एवं बुनकर आदि उपस्थित रहे।

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