मैडम गवर्नर ने किससे कहा, आपका सामाजिक जीवन शुरू होता है अब!

श्रीमती पटेल ने अपने सम्बोधन में गंगा नदी के प्रदूषण की ओर भी ध्यानार्षित किया और इस दिशा में केन्द्र सरकार द्वारा ‘‘नमामि गंगे परियोजना‘‘ के माध्यम से किए गए प्रयासों का विशेष जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत की इस पहल को दुनिया भर में सराहना मिल रही है और इसेे दुनिया की शीर्ष दस पहलों में शामिल किया गया है। अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने देश में मोटे अनाज के घटते उत्पादन और प्रयोग पर चिन्ता व्यक्त की।

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लखनऊ / बलिया । प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में सोमवार को जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया का चतुर्थ दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया । इस अवसर पर कुलाधिपति ने उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को आगामी जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने दीक्षांत समारोह को विद्यार्थियों के जीवन की विशिष्ट उपलब्धि का दिन बताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने के उपरान्त अब उनका सामाजिक जीवन प्रारम्भ होगा, जहाँ से इस शिक्षा का व्यवहारिक उपयोग कर सकेंगे।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शिक्षा के चारित्रिक गुणों के उच्चतम विकास का आधार बताते हुए कहा कि ये वो शिक्षा है, जिसका घर में माता-पिता से प्राप्त प्रारम्भिक ज्ञान और संस्कार से होता है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि दुनिया बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है, इसे समझकर स्वयं को निरंतर अपडेट भी करते रहें।

श्रीमती पटेल ने उच्च शिक्षा में नई राष्ट्रीय नीति की आवश्यकता को बताते हुए कहा कि इससे देश में रोजगार परक शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रमों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर युवाओं के लिए प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण तैयार करने पर जोर दिया गया है। उन्होंने इस दिशा में विश्व विद्यालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने विद्यार्थियों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि प्रदेश और केन्द्र सरकार की कई योजनाएं ऐसी हैं, जिनका लाभ उठाकर वे अपना स्टार्ट अप प्रारम्भ कर सकते हैं।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने सम्बोधन में विश्वविद्यालयों में गुणवत्ता सुधार के लिए नैक मूल्यांकन कराने की आवश्यकता पर बल दिया और विश्वविद्यालय में नैक मानकों के अनुरूप गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने किए गए कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने कार्यों की गुणवत्ता एवं अनुसंधान को बढ़ावा देने में नवीनतम शोधों के साथ विस्तार करे।उन्होंने विद्यार्थियों का ध्यान जलवायु परिवर्तन की ओर आकृष्ट करते हुए पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण, जल संरक्षण पर भी चर्चा की। आज के कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल जी द्वारा ‘‘जल भरो‘‘ कार्यक्रम से किया गया। राज्यपाल जी ने मटकी में जलधारा प्रवाहित कर जल संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों द्वारा जितना जल वर्ष भर में उपयोग में लाया जाता है, वो उतने जल संरक्षण हेतु प्रभावी प्रयास करें।

श्रीमती पटेल ने अपने सम्बोधन में गंगा नदी के प्रदूषण की ओर भी ध्यानार्षित किया और इस दिशा में केन्द्र सरकार द्वारा ‘‘नमामि गंगे परियोजना‘‘ के माध्यम से किए गए प्रयासों का विशेष जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत की इस पहल को दुनिया भर में सराहना मिल रही है और इसेे दुनिया की शीर्ष दस पहलों में शामिल किया गया है। अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने देश में मोटे अनाज के घटते उत्पादन और प्रयोग पर चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि स्वास्थय की दृष्टि से इनके लाभकारी होने के कारण आज दुनियाभर मंे इसकी मांग बढ़ी है। उन्होंने विश्वविद्यालय स्तर पर इसके प्रयोग के लाभ और व्यंजनों के प्रचार-प्रसार कराने को कहा।

भारत में जी-20 देशों की बैठकों की जानकारी देते हुए बताया कि ये बैठकें मानवता के कल्याण के लिए ‘‘वसुधैव कुटुम्बकम‘‘ की थीम पर आधारित हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश के चार शहरों आगरा, वाराणसी, लखनऊ, ग्रेटर नोयडा मंे भी 01 दिसम्बर, 2022 से 30 नवम्बर, 2023 तक इसकी बैठकें आयोजित हो रही हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय को इस इवेंट में उत्साह के साथ प्रतिभागिता के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसे मेधावी विद्याािर्थयों का चयन करें, जो विदेशी भाषा के जानकार हों। ये छात्र जी-20 देशांे के प्रतिनिधियों से संवाद करके जानकारियों के प्रचार-प्रसार, विश्वविद्यालय के नवाचारों, स्टार्टअप तथा अन्य गतिविधियों के डिजिटल प्रचार तथा प्रदर्शनी के अयोजन आदि से हिस्सेदारी कर सकते हैं।

कार्यक्रम में कुलाधिपति ने प्राथमिक विद्यालय के विद्यार्थियों को प्रेरणादाई पुस्तकें एवं फल वितरित किए।उन्होंने विश्वविद्यालय की स्मारिका ‘‘सृजन‘‘, समाचार पत्रिका ‘‘अन्वीक्षण‘‘ तथा विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा रचित पुस्तकों का भी लोकार्पण किया। दीक्षांत समारोह में विविध पाठ्यक्रमों के कुल 25220 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। विशेष उपलब्धि प्राप्त करने वाले 34 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। इस अवसर पर संास्कृतिक कार्यक्रम एवं खेलकूद प्रतियोगिता के विजयी छात्र-छात्राओं को भी पदक एवं प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

समारोह में मुख्य अतिथि एवं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) के मानद प्रोफेसर पद्मश्री प्रो0 यज्ञस्वामीे सुंदर राजन ने अपने अनुभवों को विद्यार्थियों से साझा करते हुए उनको भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। समारोह में विशिष्ट अतिथि प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री  योगेन्द्र उपाध्याय ने विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर कुलपति प्रो0 कल्पलता पाण्डेय ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत की और विद्यार्थियों को भावी जीवन में उत्कृष्ट योगदान और समर्पण के साथ कार्य करके सफलता के लिए प्रेरित किया।

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