दारुल उलूम देवबंद का फतवा बना विवाद का कारण!

इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम द्वारा जारी फतवे पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग का कहना है कि इस प्रकार के फतवे कानून के खिलाफ है। इस संबंध में दारुल उलूम के प्रबंध तंत्र ने प्रशासन को एक सूची उपलब्ध कराई है जिसमें वेबसाइट से हटाए गए फतवे के लिंक दिए गए हैं।

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लखनऊ / सहारनपुर । उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के देवबंद स्थित इस्लामिक शिक्षण शिक्षण संस्थान दारुल उलूम की आधिकारिक वेबसाइट के विवादास्पद लिंक पर सहारनपुर डीएम अखिलेश सिंह ने 10 दिन का बैन लगा दिया है। दरअसल दारुल उलूम की वेबसाइट पर कई फतवे जारी किए गए थे। देवबंद में जारी फतवे में कहा गया की गोद लिए बच्चे को असल बच्चे के जैसे अधिकार नहीं मिल सकते।

आपको बता दें कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को एक शिकायत मिली थी कि दारुल उलूम में कई ऐसे गैरकानूनी फतवे जारी किए गए हैं जो बाल अधिकार का हनन करते हैं। जिसके बाद बाल संरक्षण आयोग ने सहारनपुर डीएम को एक पत्र लिखा जिसके कारण डीएम अखिलेश सिंह की कार्रवाई पर वेबसाइट बंद करा दी गई। मामले की जांच पूरी होने तक वेबसाइट को बंद रखने का आदेश दिया गया है।

इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम द्वारा जारी फतवे पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग का कहना है कि इस प्रकार के फतवे कानून के खिलाफ है। इस संबंध में दारुल उलूम के प्रबंध तंत्र ने प्रशासन को एक सूची उपलब्ध कराई है जिसमें वेबसाइट से हटाए गए फतवे के लिंक दिए गए हैं।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की पोलिंग से ठीक पहले इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद का ये मामला  बड़ा चुनावी मामला बनता दिख रहा है। माना जा रहा है कि राजनैतिक पार्टियां इस मुद्दे को अपने अपने फेवर में भुनाने की कोशिश करेंगी।

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