महुआ खायें, शुगर गठिया बवासीर दूर भगायें

भारत के मैदानी इलाकों में पाया जाने वाला महुआ अपने आप में औषधीय गुणों का भंडार है लेकिन हमारी जानकारी न होने की वजह से हम इसके गुणों से अपरिचित है। आईये जाने महुआ के गुणों के बारे में

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औषधीय गुणों से भरपूर एक वृक्ष जिसे सभी लोग महुआ के नाम से जानते हैं। इसका इस्तेएमाल आम जन अलग-अलग तरीके से करते हैं। स्वासस्य्मा समस्या‍ओं के इलाज में इस पेड़ का अलग-अलग तरीके से इस्तेवमाल किया जाता है। महुआ कई तरह से सेहत से भरपूर है | बच्चों को महुआ के पेड़ दादी और नानी के घर पर यह पर देखने को जरुर मिल जायेगा |
महुआ एक विशालकाय वृक्ष है, जिसका स्थाुनीय लोग अलग-अलग तरीके से इस्तेामाल करते हैं। महुआ एक भारतीय उष्णकटिबंधीय वृक्ष है जो उत्तर भारत के मैदानी इलाकों और जंगलों में बड़े पैमाने पर पाया जाता है। कुछ लोग महुआ के फूलों को सुखाकर चपाती या हलवे में भी इस्तेेमाल करके खाते हैं। इसके अलावा महुअे के फूलों को जानवरों के लिए पोषक आहार माना जाता है। महुआ का वैज्ञानिक नाम मधुका लांगिफोलिया है। आयुर्वेद में महुआ के पेड़ के कई स्वानस्य्ंग लाभ हैं, इसमें कई औषधीय गुण मौजूद हैं। इसके अलावा इसकी छाल, पत्तियां, बीज और फूल भी गुणकारी हैं। महूआ के फूल पीले सफेद रंग के होते हैं, जो मार्च-अप्रेल के महीने में मिलते हैं। महुआ के फूलों में प्रोटीन, शुगर, कैल्शियम, फास्फोंरस और वसा होती है। इसके पेड़ का कई स्वा,स्य्गर समस्या,ओं के इलाज में अलग-अलग तरीके से इस्तेुमाल किया जाता है। महुआ कई तरह से सेहत के साथ त्वरचा के लिए भी फायदेमंद है।

कई लोग महुआ का उपयोग मादक पदार्थ जैसे शराब बनाने में भी इसका इस्तेआमाल करते हैं। ईंधन तेल के रूप में भी इसका प्रयोग किया जाता है। तेल निकलने के बाद बचे इसके खल का प्रयोग जानवरों के खाने और उर्वरक के रूप में किया जाता है। इसके अलावा महुआ का इस्तेउमाल चिकित्साि, साबुन, डिटर्जेंट और त्वचा की देखभाल आदि के लिए भी किया जाता है।

आईये जानते हैं महुआ के गुण 

महुआ के फूल कृमिनाशक और कफ से राहत देने वाले होते हैं। महुआ के फूल की तासीर ठंडी होती है। इसके फलों और फूलों को प्राकृतिक कूलिंग एजेंट व स्वाीस्य्ों वर्ध टॉनिक के रूप में उपयोग किया जाता हैं। लेकिन फिर भी इसके फूलों को सर्दी-जुखाम, खांसी ब्रोंकाइटिस और अन्यन पेट व श्वकसन संबंधी विकारों के इलाज में इस्तेकमाल किया जाता है। इसकी छाल से बने काढ़े को पीने से दस्ते की समस्याज दूर होती है। इसके अलावा इसके बीजों का इस्तेकमाल दवा के तौर वर किया जाता है। इसका इस्तेसमाल निमोनिया, त्वेचा संबंधी समस्याा के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसके पेड़ की छाल त्वौचा को मुलायम बनाने में मदद करती है।

डायबिटीज के लिए दवा है महुआ

डायबिटीज की समस्या आम हो गई है। जिन लोगों को डायबिटीज यानि मधुमेह की समस्याल है, उनके लिए महुआ एक औषधी के समान है। डायबिटीज के रोगियों के लिए महुआ की छाल से बना काढ़ा लाभदायक होता है। इसके औषधीय गुण शरीर में ब्ल ड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में मदद करते हैं। इसकी छाल से बनें काढ़े के नियमित सेवन से डायबिटीज के लक्षणें को दूर किया जा सकता है।

गठिया रोग के इलाज में मददगार महुआ

महुआ की छाल टॉन्सिलिटिस, डायबिटीज, अल्सलर और गठिया के लिए इस्तेामाल की जाती है। इसके लिए आप महुआ की छाल का काढ़ा बनाकर नियमित सेवन करें, इससे आपको फायदा मिलेगा। इसके अलावा आप गठिया के दर्द और सूजन को कम करने के लिए महुआ की छाल को पीसकर, गर्म करके इसका लेप लगाएं। इसके अलावा आप महुआ के बीजों से निकाले गये तेल से भी मालिश कर सकते हैं। ऐसा करने से गठिया रोग के इलाज में मदद मिलेगी।

दांतों के दर्द से छुटकारा देता है महुआ

दांतों से संबंधित समस्यााओं में आप महुआ का इस्तेममाल कर सकते हैं। महुआ की टहनी और छाल दांतों के दर्द में फायदेमंद है। यदि आपके दांतों में दर्द और मसूड़ो से खून निकल रहा हो, तो आप महुआ की छाल से निकलने वाले रस के साथ थोड़ा पानी मिलाएं और इस पानी से गरारे करें। इसके अलावा आप इसकी टहनी से मंजन भी कर सकते हैं। इससे मुंह के बैक्टीसरिया नष्टआ हो जाते हैं और दांतों के दर्द में राहत मिलती है।

बवासीर व आंखों संबंधी बीमारी में है लाभप्रद

महुआ के फूल बवासीर में भी फायदेमंद हैं। आप इसके फूलों को घी में भुनें और रोगी को इसे नियमित रूप से खिलाएं। इससे फायदा मिलेगा, यह दर्द को कम करने करके आपको आराम देता है। इसके अलावा महुआ के फूलों का शहद आंखों में लगाने से आपकी आंखों की सफाई होती है और आंखों की रौशनी तेज होती है। इसके अलावा आंखों से पानी आने व आंखों में खुजली होने पर इलाज के तौर पर भी इससे बना शहद गुणकारी होता है।

अमित त्रिपाठी, मीडिया गुरु एवं टिप्पणीकार

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