जानिए। कैसे पकड़ें ईवीएम की धांधली

ईवीएम की हैकिंग के आरोपों के शांत पड़ते ही ईवीएम स्वैपिंग के आरोप लगने लगे हैं। इन आरोपों में कितना दम है आईये जाने

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17 वीं लोकसभा के गठन के लिए चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है अब मतगणना का काउंट डाउन शुरू हो गया है लेकिन ईवीएम को लेकर कुछ लोगों की शंका भी शुरू हो गई है। तो आईये जानते हैं ईवीएम की सुरक्षा प्रणाली को।

◆ हर EVM का एक नंबर होता है जो चुनाव आयुक्त अंकित करता है साथ ही एक सीरियल नंबर होता है जो कि manufacturer देता है । अगर ये मैच नहीं हो रहे तो EVM बदल गई है ।

◆ किस EVM और साथ ही किस बूथ में टोटल कितने वोट पढ़े ये रिकॉर्ड में लिखा जाता है । अगर ये मैच नहीं हो रहा तो EVM में घपला है ।

◆ साथ ही VVPAT भी है जो हर मतदान क्षेत्र में कुछ की गिनती EVM से मिलाई जाएगी । अगर ये ना मिले तो गड़बड़ है ।

EVM बन्द करते समय पोलिंग एजेंट के सिग्नेचर लिए जाते हैं EVM पर लगी सील पर और फॉर्म 17 c मतपत्र लेखा पर जिसकी एक कॉपी पोलिंग एजेंट को दी जाती हैं सील पर सिग्नेचर का मिलान 17 C से करे

भारतीय निर्वाचन आयोग

चुनाव आयोग ने निष्पक्ष चुनाव के लिए ने काफी फुलप्रूफ तरीका अपनाया है अगर किसी भी राजनैतिक पार्टी का पोलिंग एजेंट पप्पू नहीं है तो EVM को बदलना या बदली हुई EVM को पकड़ना कोई मुश्किल काम नहीं है।चुनाव सात चरण में हुए हैं। अगर evm बदली गई हैं तो अब तक बदली जा चुकी होंगी। इसलिए गिनती शुरू होने से पहले EVM को परखने के सारे मापदंड अपनाएं

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