
आयुष कॉलेजों में हेराफेरी:नीट के बिना एडमिशन पाने वाले 891 छात्र सस्पेंड
लखनऊ।आयुष कॉलेजों में हेराफेरी से हुए एडमिशन के मामले में संदिग्ध पाए गए सभी छात्रों को निलंबित कर दिया गया है। इन्हें हॉस्टल छोड़ने का आदेश दिया गया है लेकिन इनके दस्तावेज सील कर दिए गए हैं।
प्रदेश के आयुर्वेदिक एवं यूनानी व होम्योपैथी मेडिकल कॉलेजों में तमाम छात्रों ने हेराफेरी कर दाखिला ले लिया था। आयुष विभाग की जांच में 891 छात्र संदिग्ध चिन्हित किए गए हैं।सभी सरकारी कॉलेजों के प्रधानाचार्य ने छात्रों को निलंबित कर दिया है। जबकि निजी कॉलेजों के छात्रों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई चल रही है। करीब 10 निजी कॉलेजों ने छात्रों को निलंबित करने की सूचना आयुष विभाग में भेज दी है जबकि अन्य की रिपोर्ट अभी तक कार्यालय नहीं पहुंची है। देर शाम तक यह रिपोर्ट विभाग में पहुंचने की उम्मीद है। आयुष मंत्री दया शंकर मिश्र ने बताया जिन बच्चों का एडमिशन गलत था, उन सभी बच्चों को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले में कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर डॉ. एस एन सिंह और उमाकांत यादव, प्रभारी अधिकारी शिक्षा निदेशालय को भी सस्पेंड कर किया गया है।इसके अलावा यूनानी निदेशालय के प्रभारी अधिकारी डॉ. मोहम्मद वसीम और शिक्षण होम्योपैथी निदेशालय के कार्यवाहक संयुक्त निदेशक प्रो. विजय पुष्कर खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।सूत्रों का कहना है कि अभी छात्रों के खिलाफ किसी तरह की तरह की कार्रवाई नहीं होगी। जांच पड़ताल के बाद ही इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।वर्ष 2021-22 में काउंसिलिंग के लिए आयुर्वेद निदेशालय ने बोर्ड का गठन किया था। आईटी सेल न होने के कारण बोर्ड की निगरानी में निजी एजेंसी सॉफ्ट सॉल्यूशन को काउंसिलिंग का ठेका दिया गया। इस एजेंसी को अपट्रान पावरट्रानिक्स लि. ने नामित किया था। एक फरवरी 2022 से शुरू हुई काउंसिलिंग प्रक्रिया 19 मई तक चार चरणों में पूरी की गई।