नई दिल्लीः कैशलेस ट्रांजैक्शन और कुल नकदी निकासी को लेकर आरबीआई कुछ महत्वपूर्ण फैसला ले सकती है| 8 नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा 500 रुपए और 1000 रुपए के नोट बैन करने के बाद 2000 रुपए और 500 रुपए के नए नोट बाजार में पेश किए गए, इन्हीं के साथ पुराने छोटे नोट भी चलते रहे|
जबकि नए नोटों की सप्लाई कम होने और मांग अधिक होने के चलते नकदी का संकट पैदा हुआ और सरकार ने इस संकट से निपटने के लिए नकदी सीमा के लिए अपर लिमिट निर्धारित कर दी| अब करीब सवा दो महीने बाद वह इस सन्दर्भ में कैश संबंधी कुछ नए फैसले निकट भविष्य में लेने के हित में दिख रही है| रिपोर्ट्स की मानें तो आरबीआई कुल नकदी निकासी की सीमा बढ़ाने के मूड में नजर आ रही है, विमुद्रीकरण के ऐलान के बाद जहां एटीएम से पैसे निकालने की सीमा 4,500 रुपए कर दी गई थी वहीं बाद में मांग और आपूर्ति में बड़ा अंतर बरकरार रहने के चलते इसे 2,500 रुपए कर दिया गया था| मगर इस सीमा को 31 दिसंबर 2016 को रिवाइज किया गया और 1 जनवरी 2017 से लागू नियम के मुताबिक एक बार फिर से यह सीमा बढ़ाकर साढ़े चार हजार रुपए प्रतिदिन कर दी गई| प्रतिदिन के अलावा साप्ताहिक निकासी सीमा 24 हजार रुपए है| लेकिन अब कहा जा रहा है कि मौजूदा सीमा बदली परिस्थितियों में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा बदली या बढ़ाई जा सकती है|