लखनऊ । दिव्य ज्योति ग्रामीण जन कल्याण समिति ने तत्वाधान में शनिवार को दारुलशफा के कॉमन हॉल में स्वामी विवेकानंद जयंती की पूर्व संध्या पर राष्ट्र निर्माण और युवा शीर्षक से एक संगोष्ठी आयोजित की । इससे मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश राज्य बाल संरक्षण अधिकार आयोग की सदस्य डॉ प्रीति वर्मा उपस्थित थीं कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के आयुर्वेदाचार्य डॉ एस के मिश्रा थे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी बाबा हरदेव सिंह ने किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ प्रीति वर्मा ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के निर्माण में युवाओं की भूमिका प्रमुख है। किसी राष्ट्र को सुदृढ़ व मजबूत तभी किया जा सकता है जब उस राष्ट्र की संपत्ति युवा हों। सौभाग्य से हमारे राष्ट्र में युवा संपत्ति प्रचूर मात्रा में है।युवा ही देश व राष्ट्र का भविष्य है चूंकि युवावस्था एक ऐसी अवस्था होती है जिसमे युवा अपना समस्त योगदान समाज व राष्ट्र को समर्पित करता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बाबा हरदेव ने कहा कि युवा संवेदन शील होता है उसकी सम्पूर्ण संवेदना समाज व राष्ट्र के विकास के लिए होती है बस वह सही दिशा में राष्ट्र के विकास की धारा में जोड़ दी जाये। बाबा हरदेव ने भारतीय संस्कृति और सहिष्णुता पर जोर देते हुए कहा कि युवाओं को अपनी संस्कृति के साथ सभी धर्मों का सम्मान करने में आस्था रखनी चाहिए क्योंकि वही आस्था युवाओं का सही रास्ता है।
कार्यक्रम में बोलते हुए शिक्षाविद्डॉ डॉ देवव्रत मिश्रा ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति का पहिया युवा होता है। राष्ट्र का इंजन युवा होता है कविता के माध्यम से बताया कि विशाल इंद्र का धनुष उठा सके जो मनुष्य वही युवा तंत्र का विशाल दावेदार है। जय जयकार है।जो भीम की गदाओं का प्रहार सह सके ,जो भीष्म की प्रतिज्ञा की भार सह सके उस युवा के कंधों पर भविष्य का आधार है। इन पंक्तियों द्वारा डॉ देवव्रत ने युवाओं को संबोधित किया।
कार्यक्रम का संचानल प्रबंध समिति के अध्यक्ष विवेक राय ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से फरीद अब्बासी , आर के मिश्रा, शिवकृपाल मिश्र, बृजेश पांडेय , वंदना मिश्रा, अनिल यादव , राजेश यादव, श्रीकांत यादव, नैमिष प्रताप सिंह, अब्राहम मिएराज, धर्मेन्द्र मिश्रा, अजीत सिंह, अमित सिंह, के पी यादव , रणजीत राय, जितेंद झा, अमरकृष्ण मिश्र सहित सैकड़ो लोग उपस्थित थे।