पहली काउंटिग में हारे दूसरी काउंटिग में हारे तीसरी काउंटिग के लिए फिर अदालत की कुंडी खटखटाई तो निर्वाचन आयोग ने आंखें दिखाईं, जानिये क्या है मामला!

निर्वाचन आयोग द्वारा प्रधान हसरतुन निशां पत्नी रियाजुल हक प्रधानी का प्रमाण पत्र भी दिया चुका है फिर भी  विपक्षी प्रधान पद की प्रत्याशी अंजू पत्नी रजनीश कुमार सिंह ने लगातार  तीसरी बार काउंटिग के लिए न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया किंतु निर्वाचन आयोग ने कहा कि सरकारी कार्य में बाधा न डालें।

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लखनऊ / हरदोई। तकरीबन डेढ़ साल पहले संपन्न उत्तर प्रदेश पंचायत के चुनाव में हरदोई जिले की गौसगंज ग्राम पंचायत से हसरतुन्निशां निर्वाचित घोषित की गईं।लेकिन विपक्षी हार स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। पहले तो उन्होंने पहली बार की काउंटिग को चुनौती दी जब उस चुनौती को पराजित कर हसरतुन्निशां विजयी हुईं तो विपक्षियों ने दुबारा काउंटिग करवाई। इसमें भी हसरतुन्निशां कामयाब हुईं। हमारी संवाददाता अफ़शीन से निर्वाचित प्रधान हसरतुन्निशां ने बातचीत में कहा कि विरोधी पक्ष तीसरी बार भी काउंटिंग के लिए न्यायालय में मुकदमा लिखवा कर न्यायालय को गुमराह कर रहा है।

आपको बता दें कि  हरदोई: जिले की संडिला तहसील क्षेत्र  के गौसगंज ग्राम पंचायत की महिला सीट होने पर हसरतुन्निशां ने महिला प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया था। मतगणना के बाद  प्रधान पद की प्रत्याशी हसरतुन निशां पत्नी रियाजुल हक 14 वोटों से प्रधान के रूप में निर्वाचित घोषित हुईं। लेकिन विपक्षी प्रधान पद की प्रत्याशी अंजू पत्नी रजनीश कुमार सिंह अपनी हार को बर्दाश्त न कर पाई और  निर्वाचन आयोग में  री काउंटिंग की अर्जी दाखिल की लेकिन वहां भी  काफी खींच तान के बावजूद 10 वोटों से हसरतुन निशां पत्नी रियाजुल हक के पक्ष में परिणाम रहा।

निर्वाचन आयोग द्वारा प्रधान हसरतुन्निशां पत्नी रियाजुल हक प्रधानी का प्रमाण पत्र भी दिया चुका है फिर भी  विपक्षी प्रधान पद की प्रत्याशी अंजू पत्नी रजनीश कुमार सिंह ने लगातार  तीसरी बार काउंटिग के लिए न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया है किंतु निर्वाचन आयोग ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि सरकारी कार्य में बाधा न डालें। निर्वाचन आयोग का कहना है कि  दो बार काउंटिंग कराई गई है तीसरी बार काउंटिंग नहीं कराई जाएगी। हसरतुन्निशां ने बताया कि इसी खुन्नस में हारे हुए प्रत्याशी ने प्रधान  के पति के खिलाफ एस डी एम कोर्ट में मुकदमा दायर किया है।

आपको बताते चलें कि प्रधान के पीड़ित पति रियाज़ुल हक ने हमारे संवाददाता अफ़शीन को बताया कि लगभग डेढ़ वर्ष प्रधानी के हो गए फिर भी हारे हुए प्रत्याशी अपने बौखलाहट से ग्राम पंचायत के विकास कार्यों में बाधा डाल रहे हैं जो कि हमारे लोकतंत्र के लिए घातक है और ग्राम पंचायत के निवासियों के लिए पीड़ादायक।

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