Vigilance Week : आर्यावर्त बैंक ने संस्कार, सहकार और समर्पण के जरिये समाज की सेवा का संकल्प लिया

राज बिसारिया ने बैंकिंग सेवा से संबंधित सभी खाताधारकों को नैतिक मूल्यों पर बात करते हुए कहा कि बैंक को मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए ग्राहकों व जरूरतमंद किसानों की आवश्यकताओं के अनुसार खरा उतरने का हरसंभव प्रयास करना चाहिए।

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लखनऊ (राज्य मुख्यालय) । केंद्रीय सतर्कता आयोग के दिशानिर्देशों के क्रम में आर्यावर्त बैंक ने सप्ताह भर चलने वाले सतर्कता जागरुकता अभियान के तहत लखनऊ के गोमती नगर में 26 अक्टूबर से 01 नवंबर तक सतर्कता जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया। जागरूकता कार्यक्रम स्वतंत्र भारत@75 सत्यनिष्ठा से आत्मनिर्भरता की ओर ध्येय वाक्य के साथ उत्साहपूर्वक मनाया गया।

सतर्कता सप्ताह की शुरुआत 26 अक्टूबर को राज्य के 26 जिलों में स्थित 1367 कार्यालयों में लगभग 7000 स्टाफ सदस्यों द्वारा ईमानदारी व सत्यनिष्ठा की शपथ के साथ शुरू हुई। जागरूकता सप्ताह के पहले राज बिसारिया एवं आर्यवत बैंक के अध्यक्ष एस.बी.सिंह ने वीडियो कॉन्फरिंग के माध्यम से प्रधान कार्यालय सहित 22 क्षेत्रीय प्रबंधकों एवं स्टाफ सदस्यों को संबोधित किया।

राज बिसारिया ने बैंकिंग सेवा से संबंधित सभी खाताधारकों को नैतिक मूल्यों पर बात करते हुए कहा कि बैंक को मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए ग्राहकों व जरूरतमंद किसानों की आवश्यकताओं के अनुसार खरा उतरने का हरसंभव प्रयास करना चाहिए।

सबैंक के अध्यक्ष एसबी सिंह ने कहा कि बैंक कर्मियों को ग्राहकों की आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशीलता का परिचय देने हेतु एवं अपनी आवश्यकताओं को भी एक सीमित दायरे में रखते हुए अनुशासित जीवन व्यतीत करना चाहिए।

जागरूकता सप्ताह के दूसरे दिन बैंक के प्रधान कार्यालय द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से एक और विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जे.एस चौहान ने सहकारिता से संबंधित अपने अनुभव की कुछ उल्लेखनीय कड़ियां साझा करते हुए महत्वपूर्ण जानकारियां दीं व अपने विचारों से बैंक के प्रधान कार्यालय सहित सभी क्षेत्रीय प्रबंधकों व स्टाफ सदस्यों को अवगत कराया।

सतर्कता एवं जागरूकता सप्ताह के तीसरे दिन केंद्रीय सतर्कता आयोग के रिटायर्ड बैंकिंग सलाहकार जेके श्रीवास्तव ने आर्यावर्त बैंक के प्रधान कार्यालय द्वारा आयोजित एक अन्य विशेष कार्यक्रम को संबोधित किया। श्रीवास्तव ने बैंकिंग व्यवसाय में सतर्कता के बदलते अयामो पर चर्चा की एवं प्रत्येक स्टाफ सदस्य को बैंक का सतर्कता अधिकारी बताते हुए बैंक व ग्राहकों के हितों की रक्षा करने पर बल दिया।

सतर्कता जागरूकता सप्ताह के इस क्रम में 30 अक्टूबर को बैंक के प्रधान कार्यालय द्वारा एक अन्य विशेष कार्यक्रम का आयोजित किया जिसको दूरदर्शन केंद्र लखनऊ के सहायक निदेशक आत्म प्रकाश मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से संबोधित किया उन्होंने कार्यक्रम से जुड़े स्टाफ को संबोधित करते हुए भारत के स्वर्णिम इतिहास के उन बिंदुओं से परिचित करवाया जिस का इतिहास पुस्तकों से तत्कालीन शासकों द्वारा एक सुनियोजित तरीके से हटाने का प्रयास किया गया है।

श्री मिश्र ने प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं ग्रंथों का विवरण देते हुए मध्यकालीन संतों का भी उदाहरण दिया उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अच्छी नियत (Bonagfide Intention) ही सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है जबकि बदनीयती (malafide intention) पतन की ओर ले जाती है।

सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अंतिम दिन बैंक के प्रधान कार्यालय द्वारा एक और विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के पद से बोलते हुए अर्थशास्त्री एवं पूर्व कुलपति प्रोफेसर (डॉक्टर) मोहम्मद मुजम्मिल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैंक के अधिकारियों समेत 22 क्षेत्रीय प्रबंधकों को संबोधित किया।

प्रोफेसर मुजम्मिल ने अपने बहुमूल्य अनुभव साझा किये उन्होंने प्रथम पंचवर्षीय योजना से लेकर आज तक कृषि, सिंचाई, खाधान,सुरक्षा, बिजली आधारभूत संरचना, इत्यादि क्षेत्रों में आत्मनिर्भर का लक्ष्य प्राप्त करने की देश की यात्रा का सविस्तार वर्णन किया। व देश की अर्थव्यवस्था के दोनों पहलुओं सकारात्मक नकारात्मक को उल्लेखित करते हुए गरीबी उन्मूलन पर जोर दिया।

कार्यक्रम समापन पर धन्यवाद ज्ञापन बैंक के सहायक महाप्रबंधक के. के सिंह ने दिया।

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