यूपी में कैबिनेट विस्तार, मंत्री पद बांटेंगे जातीय समीकरण साधेंगे और चुनावी वैतरणी लाघेंगे!

403 विधानसभा एवं‌ 70 लोकसभा सीटों वाले प्रदेश पर सबकी निगाहें टिकी हुयी है। बीजेपी के लिए यूपी सत्ता की चाभी नजर आ रही है इसलिए भाजपा यहा कोई चांस नहीं लेना चाहेगी। केन्द्र के बड़े नेताओं का लगातार यूपी दौरा यह साबित करता है कि केन्द्रीय नेतृत्व पूरे दमखम के साथ यूपी विधानसभा चुनाव लड़ेगा।

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लखनऊ ( राज्य मुख्यालय) । केन्द्र की तर्ज पर सितम्बर माह में यूपी कैबिनेट विस्तार लगभग तय माना जा रहा है। केन्द्र की मोदी सरकार की नीतियों को आधार बनाकर योगी सरकार भी अपना कैबिनेट विस्तार करेगी। हाल ही में केन्द्रीय कैबिनेट के विस्तार में‌ कई युवा चेहरों को‌ शामिल‌ करते हुए लगभग 27 ओबीसी‌ मंत्रियों‌ को‌ जगह दी‌ गयी है। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को‌ देखते हुए केन्द्रीय कैबिनेट का विस्तार किया गया है।

केन्द्रीय मंत्रिमंडल में 43 नये चेहरों को‌ शामिल किया गया है जिसमे 28 कैबिनेट एवं 15 राज्य मंत्रियों को‌ जगह दी गयी है। उत्तर प्रदेश में कुछ ही माह बाद विधानसभा चुनाव होने है। आगामी यूपी विधानसभा चुनावों को देखते हुए जातीय समीकरण साधने की भी कोशिश की गयी उत्तर प्रदेश से 5 मंत्रियों को मोदी कैबिनेट में जगह दी गयी है जिसमे अनुप्रिया पटेल, कौशल किशोर, बीएल वर्मा, एसपी सिंह बघेल, पंकज चौधरी, भानु प्रताप वर्मा और अजय मिश्रा को शामिल किया गया है। यूपी मंत्रीमंडल में अभी 7 मंत्रियों के पद रिक्त चल‌ रहे हैं।

योगी सरकार भी सितम्बर माह में कैबिनेट विस्तार को लेकर प्रतिबद्ध नजर आ रही है। इसके लिए केन्द्रीय नेतृत्व से हरी झंडी भी मिल‌ गयी है। हाल‌ ही में केन्द्रीय गृह एवं‌ सहकारिता मंत्री अमित शाह का यूपी दौरा हो‌ चुका है। केन्द्रीय नेतृत्व का लगातार यूपी दौरा एक बड़े संकेत की ओर इशारा कर रहा है। हाल‌ में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी का लचर प्रदर्शन भी केन्द्रीय नेतृत्व के लिए चिंता का विषय है। ऐसा माना जाता है कि केन्द्र का रास्ता यूपी से होकर जाता है इसलिए केन्द्रीय नेतृत्व यूपी को‌ अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहता है।

403 विधानसभा एवं‌ 70 लोकसभा सीटों वाले प्रदेश पर सबकी निगाहें टिकी हुयी है। बीजेपी के लिए यूपी सत्ता की चाभी नजर आ रही है इसलिए भाजपा यहा कोई चांस नहीं लेना चाहेगी। केन्द्र के बड़े नेताओं का लगातार यूपी दौरा यह साबित करता है कि केन्द्रीय नेतृत्व पूरे दमखम के साथ यूपी विधानसभा चुनाव लड़ेगा। चुनाव का परिणाम कुछ भी निकले लेकिन बीजेपी यूपी विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक देगी।

चुनावी रणनीति के मद्देनजर केन्द्र से लेकर प्रदेश में लगातार बैठकों और मंथन का दौर चल रहा है। राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बी. एल. संतोष का‌ हालिया यूपी दौरा यूपी में किसी बड़े बदलाव की ओर संकेत कर रहा है। योगी सरकार के सितम्बर माह में होने वाले कैबिनेट विस्तार में जातीय समीकरणों का भी खास ध्यान रखा जायेगा। बसपा द्वारा कराए गये बह्ममण सम्मेलन को‌ देखते हुए भाजपा भी बह्ममणों को‌ अपने खेमे में लाने की‌ पुरजोर कोशिश करेगी। इस समय सभी‌ क्षेत्रीय पार्टियों की नजर बह्ममणों पर टिकी हुयी सपा भी बह्ममण खेमे को‌ अपने पक्ष में लाने कि पुरजोर कोशिश कर रही है।

माना जा रहा है कि बह्ममण खेमा भाजपा‌ से खासा नराज चल‌ रहा है इसलिए डैमेज कंट्रोल को रोकने के लिए योगी सरकार बह्ममण चेहरे को अपने कैबिनेट में जगह दे सकती है हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में‌ आये जितिन प्रसाद का मंत्री बनना तय माना जा रहा है, क्योंकि जितिन प्रसाद बह्ममण चेहरे के रुप में प्रोजेक्ट किये जा सकते है जितिन प्रसाद का बह्ममणों में अच्छी पकड़ है। इसके अलावा जातीय समीकरण को देखते हुए कुर्मी चेहरे के रुप में अनुप्रिया पटेल के पति एवं‌ एम.एल.सी. आशीष पटेल, छत्रपाल गंगवार को भी जगह दी जा सकती है। आशीष पटेल‌ की कुर्मी वोटरों में अच्छी पैठ है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश से गुर्जर वोटरों को‌ साधने के लिए तेजपाल नागर को‌ मंत्रीमंडल में जगह दी जा सकती है अभी‌ अशोक कटारिया पश्चिमी उत्तर प्रदेश से एकलौते मंत्री है। दलित वोटरों‌ को‌ भाजपा‌ अपने खेमें में लाने के लिए कृष्णा पासवान और पलटू राम‌ को मंत्री बना‌ सकती है अवध क्षेत्र की कुछ सीटों पर पासी‌ वोटर निर्णायक भूमिका में होते है ऐसे में भाजपा कृष्णा पासवान या पलटू राम को‌ सरकार में प्रतिनिधित्व देकर पासी समुदाय को बडा संदेश देना चाहती है। वही भाजपा सपा‌ के इंद्रजीय सरोज के कार्ड के तौर पर भी इनक उपयोग कर सकती है।

उत्तर प्रदेश में ओबीसी समुदाय की जनसंख्या कुल‌ जनसंख्या की आधी मानी जाती है ऐसे में योगी कैबिनेट विस्तार में ओबीसी समुदाय को खासा प्रतिनिधित्व देकर सरकार एक बड़ा संदेश देते हुए ओबीसी‌ समुदाय को‌ अपने खेमे में लाने की पुरजोर कोशिश करेगी। अभी योगी कैबिनेट में 19 मंत्री ओबीसी समुदाय से है प्रदेश में ओबीसी समाज की‌ जनसंख्या को‌ देखते हुए बराबर भागीदारी दी जायेगी कैबिनेट विस्तार में‌ ओबीसी समाज से तेजपाल नागर, आशीष पटेल, छत्रपाल गंगवार का नाम‌ संभावितों में शामिल‌ है।

हमारे सूत्रों के अनुसार कुछ ही माह बाद आगामी 2022 के विधानसभा चुनावों‌ को‌ देखते हुए योगी‌ सरकार से  किसी मंत्री की छुट्टी नहीं की जायेगी क्योंकि हाल‌ ही में‌ यूपी में‌ विधानसभा चुनाव होने है और भाजपा‌ कोई भी विवाद या नाराजगी या पार्टी में किसी भी तरह का डैमेज नहीं चाहेगी।

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