विश्वमांग्लय में बोले सर संघचालक … सत्य, शुचिता, करुणा एवं तपश्चर्या का पालन करें कार्यकर्ता

सर संघचालक डॉ मोहन राव भागवत ने विश्वमांगल्य सभा के विभिन्न सत्रों में कार्यविभाग छात्रसभा, संस्कार सभा, सेवा विभाग एवं विदेश विभाग का परिचय प्राप्त किया और साथ ही साथ के विभागों की समीक्षा की। उन्होंने विश्वमांगल्य सभा के कार्य विभागों को हर क्षेत्र में विस्तारित करने का सुझाव दिया। 

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लखनऊ /नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉ मोहन राव भागवत ने विश्वमांगल्य सभा के द्वि दिवसीय अखिल भारतीय प्रबोधन बैठक के समापन समारोह में कहा कि अल्पावधि में संगठन ने अखिल भारतीय स्तर तक अपनी पहुंच बना ली है उन्होंने कहा यह उपलब्धि समाधान कारक है। 

विश्वमांगल्य सभा को सम्बोधित करते हुए सर संघसंचालक ने कार्यकर्ताओं को सत्य , करुणा, शुचिता और तपश्चर्या के मार्ग पर चलने के चार सूत्र बताए तथा धैर्य, उत्साह, विवेक जैसे तीन सूत्रों से सभा के कार्य में तीव्रता और गतिमान होने का विश्वास प्रकट किया । डॉ भागवत ने विश्वमांगल्य सभा की वेबसाइट एवं त्रैमासिक पत्रिका  संवादिनी का लोकार्पण किया।

सर संघचालक डॉ मोहन राव भागवत ने विश्वमांगल्य सभा के विभिन्न सत्रों में कार्य विभागों जैसे छात्र सभा, संस्कार सभा, सेवा विभाग एवं विदेश विभाग का परिचय प्राप्त किया और साथ ही साथ उनके विभागों की समीक्षा की। उन्होंने विश्वमांगल्य सभा के कार्य विभागों को हर क्षेत्र में विस्तारित करने का सुझाव दिया।

नागपुर के अग्रसेन भवन में सम्पन्न हुई बैठक में विश्वमांगल्य सभा के सभाचार्य श्रीनाथ पीठाधीश्वर आचार्य श्री जितेंद्रनाथ महाराज, सभाचार्या रेणुका माई, राष्ट्रीय अध्यक्षा रेखादेवी खंडेलवाल , संगठन प्रमुख डॉ. वृषाली जोशी, महासचिव सोनिया तर्‍हालकर के साथ 21 प्रांतों से 160 कार्यकर्ता बहनें शामिल हुईं।

श्री भागवत ने प्रश्नकाल के दौरान प्रांत अधिकारीयों  केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्यों एवं कार्यकर्ताओं की जिज्ञासाओं का समाधान किया।  राष्ट्रीय अध्यक्ष रेखा खंडेलवाल ने दिल्ली, काशी, महाकौशल, मध्य भारत प्रांत के दायित्वों की घोषणा की | सभाचार्य जितेंद्रनाथ जी महाराज ने कार्यकर्ताओं के लिए भजन, भोजन एवं भ्रमण पथ का अनुगमन कर सभा का कार्यक्षेत्र हर प्रान्त तक पहुंचाने का आवाहन किया। सभा का संचालन अदिति तिवारी, डॉली पटेल एवं निशा बुटोलिया द्वारा किया गया |

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