UP BJP ने पीएम मोदी को भेजी रिपोर्ट : दलित और पास आये पिछड़े थोड़े दूर गये और मुसलमानों के एकतरफा वोट ने कई सीटों पर हराया

हालांकि ये कोई रॉकेट साइंस या चौंकाने वाली बात नहीं है ये रुझान अनुमान के अनुसार ही है कि पूरे उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोटर्स का ट्रेंड एक जैसा ही रहा है मुस्लिम वोट एकमुश्त समाजवादी पार्टी को गये हैं।

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लखनऊ  / दिल्ली । उत्तर प्रदेश में हालिया संपन्न चुनाव में भारतीय जनता पार्टी दुबारा दो तिहाई सीटें जीत कर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में योगी 2 सरकार चला रही है लेकिन चुनाव परिणामों पर समीक्षा का दौर जारी है। आपको बताते चलें कि पीएमओ ने भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई से समीक्षा रिपोर्ट तलब की थी।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार यूपी बीजेपी ने प्रधानमंत्री मोदी को समीक्षा रिपोर्ट भेजी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भाजपा के सहयोगी दलों अपना दल और निषाद पार्टी से कोई लाभ नहीं मिला जबकि अपना दल और निषाद पार्टी ने BJP के साथ का लाभ लिया। गठबंधन दलों के वोट बैंक का कोई खास हिस्सा नहीं मिला।

रिपोर्ट में एक दिलचस्प बात देखने में आई है कि बीएसपी का वोटर भारतीय जनता पार्टी की तरफ शिफ्ट हुआ है और उसके शिफ्ट होने से बड़ा फायदा मिला है जबकि पिछड़ी जातियों (OBC) में कुशवाहा,मौर्य, सैनी, राजभर वोट पिछले चुनाव की तुलना में कम मिले हैं।

हालांकि ये कोई रॉकेट साइंस या चौंकाने वाली बात नहीं है ये रुझान अनुमान के अनुसार ही है कि पूरे उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोटर्स का ट्रेंड एक जैसा ही रहा है मुस्लिम वोट एकमुश्त समाजवादी पार्टी को गये हैं। हालांकि  जिस तरह से ओवैसी की सभाओं में भीड़ जुट रही थी उससे ये उम्मीद लगाई जा रही थी कि मुस्लिम यूथ में ओवैसी फैक्टर काम करेगा लेकिन ये फैक्टर चल नहीं पाया। रिपोर्ट ये खुलासा करती है कि मुस्लिम वोट एकमुश्त समाजवादी पार्टी जाने के कारण BJP कई सीटें हार गयी।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया गया है कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और जम्मू कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर मनोज सिन्हा के गृह क्षेत्र कौशांबी और गाजीपुर पर विशेष चिंता व्यक्त की गई है। इन जिलों के साथ साथ अंबेडकरनगर में भी भाजपा के खराब प्रदर्शन पर नाखुशी ज़ाहिर की गई है।

जैसा कि अनुमान था कि पुरानी पेंशन योजना (OPS) के वादे के कारण सरकारी कर्मचारियों का रुझान समाजवादी पार्टी के पक्ष में जा सकता है वो देखने को मिला। रिपोर्ट बताती है कि सपा गठबंधन ने पोस्टल वोट ज्यादा पाए हैं। ये रिपोर्ट चौंकाने वाली है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने BJP का साथ नहीं दिया बल्कि उनके प्रचार अभियान में अडंगा लगाया।

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