लखनऊ / दिल्ली । 8वें मुहर्रम पर जुलूस निकालने की कोशिश कर रहे शिया समुदाय के लोगों को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने नाकाम कर दिया। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी दागे। कई लोग घायल हुए हैं।
श्रीनगर में बिना अनुमति मंगलवार को 8वें मुहर्रम पर जुलूस निकालने की कोशिश कर रहे शिया समुदाय के लोगों को पुलिस ने लाठीचार्ज कर नाकाम कर दिया। इस भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे। एक दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में भी लिया गया है।
इस दौरान एक पुलिस अधिकारी घायल भी हुआ है। घाटी में वर्ष 1989 के बाद से प्रशासन ने मुहर्रम के जुलूस पर पाबंदी लगा रखी है। पुलिस ने बताया कि शिया समुदाय के कुछ लोगों द्वारा लाल चौक के आबि गुजर इलाके से मुहर्रम का जुलूस निकाले जाने की सूचना मिली थी।
सूचना के आधार पर पुलिस ने सुबह से ही आबि गुजर, माईसुमा, टीआरसी, डलगेट, बुडशाह ब्रिज, गौकदल, त्रालखुंड और अन्य कुछ इलाकों में तारबंदी कर पाबंदियां लगा दी थीं। पाबंदियों के बावजूद भी कुछ इलाकों से शिया समुदाय के लोगों द्वारा जुलूस निकालने की कोशिश की गई, जिसे नाकाम बनाने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
जिन इलाकों से जुलूस निकाले गए उनमें आबि गुजर, बटमालू, गुरु बाजार, एक्सचेंज रोड शामिल हैं। इसके अलावा जहांगीर चौक में शिया अलगावी नेता मौलवी अब्बास अंसारी के बेटे मसरूर अंसारी ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर पाबंदियों को तोड़ने की कोशिश की।
इस पर पुलिस को उन पर लाठीचार्ज करना पड़ा। वहीं डलगेट से लाल चौक की ओर आने वाले जुलूस को भी नियंत्रण में पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी। उन्होंने शिया समुदाय के लोगों पर आंसू गैस के गोलों का भी इस्तेमाल किया। श्रीनगर शहर में मंगलवार को स्थिति तनावपूर्ण बनी रही।
इसके अलावा लागू की गई पाबंदियों के चलते ट्रैफिक सिस्टम भी प्रभावित हुआ। लोगों को घंटों ट्रैफिक जाम में फंसना पड़ा। बता दें कि सरकार ने पहले घोषणा की थी कि 30 साल बाद मुहर्रम के जुलूस को इस साल निकालने की अनुमति दी जाएगी।
इस बीच आईजी कश्मीर विजय कुमार ने ट्वीट कर कहा कि पुलिस जनता की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करती है, लेकिन पुलिस की जिम्मेदारी यह भी है कि वह स्वार्थी तत्वों की उन कोशिशों को नाकाम कर दें जो जो शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करते हैं।