कुलपति और कमिश्नर साथ आये तो विश्वविद्यालय में लगी पुलिस की पाठशाला

आईपीएस असीम अरुण ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि अगर हम समाज के रूप में समस्याओं का हल करना जानते हैं तो हम प्रगतिशील समाज की ओर अग्रसर होते रहेंगे। उन्होनें साइबर क्राइम के विषय में बताया कि अपराधी इंटरनेट का इस्तेमाल करके साइबर क्राइम को अंजाम देता है।

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लखनऊ /कानपुर । कानपुर पुलिस कमिश्नरेट एवं अमर उजाला फाउंडेशन की पहल से छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय में शनिवार को पुलिस की पाठशाला कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पुलिस की कार्यशैली से संबधित नियम कानून की जानकारी देना एवं कानून की बेसिक ज्ञान से छात्र छात्राओं को परिचित कराना था।

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने कहा इस कार्यक्रम का मकसद महिला अपराधों के प्रति सजगता, साइबर क्राइम के प्रति सतर्कता और बचाव के उपाय, ट्रैफिक नियमों को लेकर युवाओं में जागरूकता और साथ ही युवा वर्ग के मन में पुलिस के प्रति डर को कम करना है।

इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण, एवम रवेन्द्र सुपेकर ने दीप प्रज्वलित करके किया। आईपीएस असीम अरुण ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि अगर हम समाज के रूप में समस्याओं का हल करना जानते हैं तो हम प्रगतिशील समाज की ओर अग्रसर होते रहेंगे। उन्होनें साइबर क्राइम के विषय में बताया कि अपराधी इंटरनेट का इस्तेमाल करके साइबर क्राइम को अंजाम देता है।

पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने कहा कि साइबर क्राइम में ज्यादातर ओ.टी.पी चोरी के मामले आते हैं। उन्होंने मोबाइल प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि  ओटीपी से जुड़े अपराध को लगाम लगाने के एम्बेडेड सिस्टम वाली तकनीक को अपनाने की जरूरत है ।

असीम अरुण ने पत्रकारिता के छात्रों को साइबर अपराध की रिपोर्टिंग और इन्वेस्टिगेशन के बारे में भी बताया और कहा कि खबरों की टीआरपी के चक्कर में मिस इंफॉर्मेशन एवं डिस्इंफोर्मेशन से बचना चाहिए क्राइम से जुड़ी घटना के बारे पुलिस से तथ्यों की जानकारी लेने के बाद ही खबर लिखनी चाहिए।

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