जो पाकिस्तान चार-चार युद्ध करके नहीं कर पाया, वह अपने आप हो रहा है। जो पाकिस्तान भारत की अर्थव्यवस्था को कभी नष्ट नहीं कर पाया था, वह उसके मनमुताबिक हो गई है, पाकिस्तान भारत में जिस तरह की अराजकता का सपना पाले थे, वह भी नजर आने लगी है। जिस पाकिस्तान की औकात मेन स्ट्रीम भारतीय मीडिया को खरीदने की नहीं थी, उसी भारतीय मीडिया ने रात-दिन पाकिस्तान को भारत में वोट बैंक की तरह दिखाया और आज भी दिखा रही है।
जो पाकिस्तान, भारत की अर्थव्यवस्था को अपने बराबर देखने का ख्वाहिशमंद था, उसकी यह ख्वाहिश भी हम पूरी कर रहे हैं। पाकिस्तान के हुक्मरानों का जो सपना चार-चार युद्ध लड़ने के बाद भी पूरा नहीं हुआ था, वह सपना हकीकत का चेहरा अख्तियार कर रहा है। बिना पाकिस्तान के कुछ किए धरे ही भारत की मिठास को जो आग लगाई गई है, उसने सुलगना आरंभ कर दिया है। पाकिस्तान, भारत की युवा पीढ़ी को जिस हिंदू-मुसलमान के नजरिए से बंटते हुए देखना चाहता था, वह भी हो रहा है। तबाह अर्थव्यवस्था, बर्बाद हो चुके उद्योग धंधे, चंद पूंजीपतियों के माफ किए गए 9 लाख करोड़ के लोन, लेकिन विगत पांच वर्षों में 12 हजार कर्जधारी किसानों की आत्महत्याएं, चरम पर पहुंच चुकी मंहगाई, गरीब व मध्यम वर्गीय परिवारों का जीवन के लिए संघर्ष, यही सब तो पाकिस्तान चाहता था, वह सब उसके मनमुताबिक हो रहा है।
पाकिस्तान चाहता था कि हम-आप पाकिस्तान-पाकिस्तान खेलते रहें ताकि अरूणांचल प्रदेश में चीन अपना खेल कर सके। चीन ने भारत की सीमा के 50 किलोमीटर अंदर तक अपना खेल कर दिया है। जश्न मनाइए राष्ट्रवाद का कि इसकी जानकारी खुद लोकसभा में अरूणांचल प्रदेश से भाजपा के सांसद ने ही दी और कहा कि इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा।
अब हम इतने राष्ट्रवादी हो चुके हैं कि बच्चियों के साथ रेप और उसके बाद उनकी नृशंस तरीके से हत्या पर भी विरोध अपने हिसाब से करते हैं। मेरे पास 2017 के आंकड़े हैं जरा ग़ौर फरमाइएगा,
कुल बलात्कार-33 हजार 885
बलात्कार के बाद हत्या-227
बच्चियों से बलात्कार-28,152
बलात्कार के बाद बच्चियों की हत्या-151
ये वह सच है, जिसे हम देखना-सुनना केवल अपने हिसाब से चाहते हैं। देश का मेन स्ट्रीम मीडिया जो कभी आपकी आवाज के साथ था, आपके सरोकारों के साथ था, जो मीडिया रोज भारत के महालेखाकार परीक्षक की रिपोर्ट पर आपको भ्रष्टाचार की बड़ी-बडी खबरें दिखाता था, वह अब केवल और केवल पाकिस्तान, हिंदू-मुसलमान, मंदिर….पर आपको सिमटा देता है। वह आपको पाकिस्तान के इशारे पर कभी भी रोजगार की, किसानों की भयावह स्थिति पर रिपोर्ट नहीं दिखाता, वह यह भी सवाल खड़े नहीं करता कि सरदार पटेल की मूर्ति के लिए जो आपसे-हमसे लोहा लिया गया था, यानी हमारी आपकी भावनाओं को भुनाया गया था, वह लोहा कैसे भंगार खाने में पहुंच गया और 3000 करोड़ की मूर्ति उसी चीन से आ गई, जिस चीन के खिलाफ 2014 में एक कृत्रिम नफरत पैदा करवाई गई । क्या कभी आपने सोचा है कि जो ONGC सरकार को अरबों का लाभांश देती थी, वही लाभांश क्या संभावित खरीददार रिलायंस भी देगा ?
भारत के तबाह बैंकिंग सेक्टर पर कोई खबर नहीं आती? रिजर्व बैंक के पास रिजर्व जैसा कुछ शेष नहीं रहा….सवाल यह भी नहीं बना कि देश व विदेश के 200 अर्थशास्त्रियों की जो रिपोर्ट भारत की तबाह अर्थव्यवस्था पर थी, उसको मीडिया क्यों गटक गया? पाकिस्तान भारत की बैंकिंग व्यवस्था पर भी यही चाहता था जो हो रहा है। पाकिस्तान चाहता था भारत का मीडिया आपकी आवाज कभी न बनें, पाकिस्तान चाहता था कि पाकिस्तान को आगे करके हिंदू-मुसलमान किया जाए, एक नये तरह का रेडक्लाइजेशन पैदा किया जाए! पाकिस्तान जो-जो भारत में देखना चाहता था, वह सब हो रहा है, अब किसी देश को तबाह करने के लिए उस पर परमाणु बम गिराने की जरूरत नहीं है, बस उस देश की आंतरिक मिठास, भाईचारा व शांति खत्म कर दीजिए, उस देश की जनता को धर्म का नशा करा दीजिए। इससे ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है बाकी सब अपने आप हो जाएगा।
खैर, अभी तो प्याज-लहसुन व टमाटर की चोरियों की ही खबरें आ रही हैं….प्रतीक्षा करिए पाकिस्तान की यह इच्छा भी पूरी होगी जब आपके-हमारे हाथों से सब्जी व अनाज का झोला भी छीना जाएगा, फिलहाल आप भी राष्ट्रवाद का मजा लें और हम भी।