वर्चुअल पढ़ाई VS ऐक्चुअल पईसा! किताब की फोटो खींच कर पढ़ाई करा रहे हैं तो रुपये की फोटो खींच कर फीस भर दो

ऑनलाइन क्लास के नाम पर भी मजाक चल रहा है सिर्फ व्हाट्सएप पर बच्चों को काम भेज दिया जाता है उसके बाद कोई पूछने वाला नहीं है। ऐसी शिकायतें देशभर से आती रहती हैं, देश का शायद ही कोई ऐसा राज्य हो। जहां से प्राइवेट स्कूलों की मनमानी की खबरें न आती हों

0
1329

लखनऊ (राज्य मुख्यालय) । कोरोना से उपजे हालत को देखते हुए शासन ने 2 मई 2021 को आदेश जारी कर कहा था कि इस वर्ष स्कूलों में फीस वृद्धि नहीं की जाएगी शुल्क मासिक आधार पर ही लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त परीक्षा शुल्क तब लिया जाएगा जब परीक्षा ऑफलाइन होंगी ऑनलाइन माध्यम से परीक्षाएं होने की दशा में परीक्षा शुल्क नहीं लिया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश है जो सर्विस वो नहीं दे रहे हैं  उसके बदले वो चार्ज नहीं ले सकते और ऑनलाइन क्लासेज के बदले रेगुलर क्लासेज जैसे फीस नहीं ले सकते। प्राइवेट स्कूलों की मनमानी किसी से छुपी नहीं जैसे मनमाना फीस वसूलना, समय से पहले फीस मांगना, समय पर फीस न देने पर परेशान करना, बच्चों के रिजल्ट रोक देना, स्कूल से बच्चों के नाम नाम काट देना। ऐसे में भी कोई कंप्यूटर तो कोई एग्जामिनेशन के नाम पर फीस ले रहा है। 

ऑनलाइन क्लास के नाम पर भी मजाक चल रहा है सिर्फ व्हाट्सएप पर बच्चों को काम भेज दिया जाता है उसके बाद कोई पूछने वाला नहीं है। ऐसी शिकायतें देशभर से आती रहती हैं, देश का शायद ही कोई ऐसा राज्य हो। जहां से प्राइवेट स्कूलों की मनमानी की खबरें न आती हों।  लेकिन, इस बार सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधन को आइना दिखा दिया है और दो टूक कहा है कि स्कूल मुनाफाखोरी के लिए नहीं बने हैं। 

कोरोना की वजह से एक ओर जहां तमाम बच्चों के सिर से उनके माता पिता का साया उठ गया है तो दूसरी ओर स्कूलों ने शुल्क में छूट देने के बजाय सामान्य वर्षों की तरह फीस व अन्य मदों की वसूली जारी रखी है । अभिभावकों को फीस की रसीद तो मिली है पर अन्य मदों के लिए गए शुल्क को लिखित प्रमाण नहीं दिया जाता। मगर कुछ निजी स्कूलों ने कंपोजिट मासिक फीस का स्ट्रक्चर इस तरह तैयार किया है कि इसमें तमाम छिपे शुल्क को भी जोड़ लिया है। 

वहीं कुछ स्कूलों ने अलग मदों से शुल्क वसूलना जारी रखा मगर कोई रसीद नहीं दी। अलग-अलग अभिभावक एसोसिएशन ने इसकी शिकायत शिक्षा विभाग की जिम्मेदारों से भी की मगर इनकी मनमानी पर अंकुश लगाने की हिम्मत किसी स्तर पर नहीं जुटाई जा सकी।

LEAVE A REPLY