नरेंद्र मोदी के साथ अपना जन्मदिन शेयर करते हैं ओमप्रकाश राजभर, कुदरत का ये संयोग… क्या यूपी दुहरा पायेगा ये प्रयोग!

कहा जाता है कि बसपा संस्थापक कांशीराम से प्रभावित होकर ओम प्रकाश राजभर ने 1981 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा. मायावती ने भदोही का नाम संतकबीर नगर किया तो राजभर ने विरोध किया. यही वजह है कि 27 अक्टूबर 2002 में बसपा से अलग होकर सुभासपा का गठन किया था.

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लखनऊ / दिल्ली / गाजीपुर । 17 सितंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 71 वर्ष के हो गये जबकि उनके पुराने सहयोगी एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने 59 साल पूरे कर लिए। 17 सितंबर को भारत की महान भूमि पर इन दोनों विभूतियों का अवतरण एक संयोग हो सकता है लेकिन अगले साल उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में क्या ये संयोग एक सियासी प्रयोग बन सकता है! हमारी रिपोर्टर ज़ीनत ने दोनों पहलुओं को मद्देनजर रखते हुए ये रिपोर्ट भेजी है।

हालांकि ये बात पुरानी है लेकिन प्रासंगिक है क्योंकि राजनीति में कुछ भी पुराना नहीं होता फिल्म राजनीति का वो डॉयलॉग याद कीजिए जब फिल्म का एक कैरेक्टर कहता है कि राजनीति में मुर्दों को भी ज़िन्दा रखा जाता है ताकि वक्त आने पर वो बोल सकें।

सूत्रों की मानें तो सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर एनडीए में शामिल हो सकते हैं। मंगलवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से उनकी मुलाकात के बाद लगातार ये कयास लगाए जा रहे हैं। खुद राजभर ने भी कहा था कि अगर भाजपा उनकी पुरानी मांगें मान ले तो एनडीए में आने पर विचार करेंगे। राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता। भाजपा से उनकी लड़ाई सिर्फ मुद्दों की है। हालांकि 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी के साथ मिलकर भागीदारी मोर्चा बनाया है।

बता दें कि राजनीति में आने से पहले ओमप्रकाश राजभर टेम्पो चलाया करते थे वे शुरू से ही बेबाक बोल के कारण विवादों में रहे हैं. यही कारण है कि उन्हें 2001 में बसपा छोड़नी पड़ी थी और साथ ही मंत्री पद भी गवाना पड़ा था. राजभर ने 35 सालों के संघर्ष के बूते अति पिछड़ों के नेता के रूप खुद को स्थापित किया. वे पूर्वांचल की दो दर्जन सीटों पर प्रभाव रखते हैं।

कहा जाता है कि बसपा संस्थापक कांशीराम से प्रभावित होकर ओम प्रकाश राजभर ने 1981 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा. मायावती ने भदोही का नाम संतकबीर नगर किया तो राजभर ने विरोध किया. यही वजह है कि 27 अक्टूबर 2002 में बसपा से अलग होकर सुभासपा का गठन किया था. साल 2004 के लोकसभा चुनाव में राजभर ने यूपी और बिहार में प्रत्याशी उतारे, लेकिन एक भी सीट जीत नहीं पाए. हालांकि, वोट प्रतिशत अच्छा रहा था।

साल 2007 के विधानसभा चुनाव में भी वे प्रत्याशी उतारे, लेकिन जीत नहीं मिली। अंत में उन्होंने साल 2012 में कौमी एकता दल से गठबंधन किया लेकिन इसके बाद भी उनके प्रत्याशी नहीं जीत पाए. हालांकि,  अंसारी बंधुओं को मोहम्मदाबाद और मऊ सीट पर जीत मिली थी. फिर साल 2017 के विधानसभा चुनाव में राजभर ने भाजपा के साथ गठबंधन किया तो उनके पार्टी से 4 विधायक जीतकर लखनऊ पहुंचे।

छात्र जीनव में राजभर टेम्पो चलाकर अपना खर्च चलाते थे. बाद में कुछ पैसे होने पर उन्होंने जीप खरीदी और पसेंजर ठोने का काम किया. इसी दौरान उनकी नेताओं से अच्छी जान- पहचान हो गाई. इसके बाद वे राजनीति की तरफ रूख किए. राजनीति में कदम रखते ही ओमप्रकाश राजभर ने पिछड़े वर्ग के लोगों के हक के लिए लड़ाई शुरू कर दी. उनका मानना है कि जब तक आरक्षण का वर्गीकरण नहीं होगा तब तक 150 से अधिक अति पिछड़ी जातियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता है. राजभर का कहना है कि भाजपा से समझौता भी उन्होंने इसी शर्त पर किया था कि सरकार बनी तो पिछड़ों के आरक्षण में बंटवारा कर दिया जाएगा.

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के जन्मदिन पर उनके कार्यकर्ताओं में काफी जोश है ओमप्रकाश राजभर का 59 वां जन्मदिन  धूमधाम से मुंगीसापुर जिला कार्यालय में मनाया गया इस अवसर पर सुभासपा युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष सत्यम कटियार ने कहा कि गरीबों के मसीहा ओम प्रकाश राजभर ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत संघर्षों के साथ की उन्होंने व्यक्तिगत एवं पारिवारिक जिम्मेदारियों का पालन करने के लिए स्कूटर से  लेकर टेम्पो तक चलाया, अपने शिक्षा का खर्च चलाने के लिए सिंधोरा से पिंडरा तक जीप चला कर सवारियां ढोईं और एम ए की डिग्री प्राप्त की।

सत्यम ने कहा कि ओमप्रकाश राजभर ने अथक परिश्रम और संघर्ष किया जिसकी वजह से आज वो पिछड़े समाज की आवाज बनकर उभरे हैं उनकी आवाज उत्तर प्रदेश की सीमा को लांघकर पूरे भारत वर्ष में गरीबों पीड़ितों एवं शोषितों को संबल दे रही है। उन्होंने कहा कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी अपने नेता ओमप्रकाश राजभर  का जन्मदिन जागरूकता सेवा सप्ताह के रूप में पूरे प्रदेश भर में मना रही है।

पार्टी की तरफ से जिला कार्यालय पर ओम प्रकाश राजभर का जन्मदिन केक काट कर मनाया गया मुख्य रूप से  कानपूर देहात जिला प्रभारी अनिल कटियार, जिला अध्यक्ष डॉ अजय कटियार, युवा मोर्चा जिला प्रभारी सत्यम पटेल, युवा जिला सचिव ऋतिक कटियार युवा जिला उपाध्यक्ष अकाश सोनी , पीयूष कटियार, अर्पित कटियार, विनय कटियार, अंकित कुमार संखवार, दीपक कुशवाहा, विकाश कटियार, आदित्य बाजपेई, राहुल पाठक , गौरव यादव , कपिल सचान, आदि लोग उपस्थित रहे।

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