NH 29 : हम तुमको हाकिम क्यों मानें, इस रस्ते से जाओ तो जानें

इससे पहले की सरकार ने  देश के सबसे लंबे और बेहतर हाइवे आगरा एक्सप्रेस वे कीी तकरीबन 317 किलोमीटर को सिर्फ 30 महीनों में बना दिया था । फिर क्या कारण है कि यह मौजूदा डबल इंजन की सरकार इस हाइवे को पिछले छः वर्षों में भी पुर्ण नहीं करा पाई है

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लखनऊ /गोरखपुर /वाराणसी। प्रधानमंत्री के लोकसभा क्षेत्र को मुख्यमंत्री के लोकसभा क्षेत्र से जोड़ने वाली एकमात्र सड़क का नाम है नेशनल हाइवे 29, तकरीबन 190 किलोमीटर की इस सड़क के हालात को देख कर को भी ये शर्त लगा सकता है कि हम उन्हें हाकिम क्यों मानें मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री इस सड़क मार्ग से एक दूसरे के लोकसभा क्षेत्र में पहुंच जायें तो जानें । मगर आम जनता को तो इसी मार्ग से आवागमन करना है इस सड़क पर 2014 में कार्य चालू हुआ  लेकिन अभी तक इस सड़क की स्थिति में कुछ खास सुधार नहीं हुआ। हाँ यह बात अलग है कि सड़क पर पडे गड्ढों और धुल भरी हवाओं की वजह  से लोग बीमार परेशान जरूर होते हैं फिर भी शासन प्रशासन से लेकर जन प्रतिनिधियों तक कोई इसकी सुध लेने वाला  नहीं है।

इससे पहले की सरकार ने  देश के सबसे लंबे और बेहतर हाइवे आगरा एक्सप्रेस वे कीी तकरीबन 317 किलोमीटर को सिर्फ 30 महीनों में बना दिया था । फिर क्या कारण है कि यह मौजूदा डबल इंजन की सरकारी इस हाइवे को पिछले छः वर्षों में भी पुर्ण नहीं करा पाई है जबकि इस सरकार का दावा है कि इनकी सड़क निर्माण की गति पिछली सरकारों से तीन गुना ज्यादा है।

पूर्वांचल में नेशनल हाइवे की बात हो और पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का जिक्र न हो तो बात अधूरी सी लगती है जब इस सड़क का प्रस्ताव रखा गया तो यह वादा किया गया कि यह सड़क सबसे कम समय में तैयार होगी लेकिन वो अभी भी अधर में लटक रहा है बताया जाता है कि इस सड़क का शिलान्यास अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री रहते हुए तत्कालीन सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने किया था फिर भी एक भव्य समारोह में इसका दोबारा शिलान्यास कर दिया गया। 

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