One Stop Center : महिलाओं की हर समस्या का समाधान

महिला उत्थान एवं उनके सशक्तिकरण के लिए मीडिया की भूमिका को रेखांकित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि  मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है जो कार्यपालिका, विधायिका और न्याय पालिका और समाज के बीच सेतु का काम करता है जो महिलाएं गांव में रहती हैं उन्हें भी सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी मीडिया के ज़रिए ही मिलती है। मीडिया जनता और सरकार के बीच की एक कड़ी है।

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लखनऊ ( राज्य मुख्यालय) । महिलाओं के उत्थान एवं उनके सशक्तिकरण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं की जानकारी जनसामान्य तक सामान्य बोलचाल की भाषा में पहुंचाने के लिए सोमवार को लखनऊ के हजरतगंज स्थित होटल फॉर्चून में मीडिया कार्यशाला मिशन शक्ति अभियान 4 पॉइंट जीरो का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं से संबंधित योजनाओं की जानकारी दी गई। साथ ही मिशन शक्ति अभियान और उससे जुड़ी अन्य महिला केंदतस सरकारी  योजनाओं के बारे में भी बताया गया।

महिला उत्थान एवं उनके सशक्तिकरण के लिए मीडिया की भूमिका को रेखांकित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि  मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है जो कार्यपालिका, विधायिका और न्याय पालिका और समाज के बीच सेतु का काम करता है जो महिलाएं गांव में रहती हैं उन्हें भी सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी मीडिया के ज़रिए ही मिलती है। मीडिया जनता और सरकार के बीच की एक कड़ी है।

आपको बता दें कि योगी सरकार ने यूपी में महिला अपराध पर लगाम लगाने के लिए कमर कसी हुई है जिसके तहत मिशन शक्ति अभियान शुरू किया गया है… इस मिशन की शुरुआत पिछले साल अक्टूबर से की गई थी.. अभियान के पहले चरण में महिला सुरक्षा और सशक्तीकरण के सम्बन्ध में व्यापक जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए गये। वहीं दूसरे चरण में अभियान को ऑपरेशन के रूप में संचालित किया गया।

इस पूरे मिशन को चरणों में बांटकर योगी सरकार ने काम शुरू किया। कार्यशाला में कहा गया कि मिशन शक्ति शुरू होने के बाद यूपी में इसके परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं.. महिलाओं में अपने अधिकार और कानून के प्रति जागरूकता आ रही है। सरकार की मानें तो महिला अपराधों पर भी लगाम लगी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मिशन शक्ति एक सफल मिशन बताया जा रहा है। इसी की अगली कड़ी है मीडिया की सहभागिता। जिसमें मीडिया को इस मिशन से जोड़ा गया।

उत्तर प्रदेश बाल विकास विभाग के निदेशक मनोज कुमार राय ने बताया महिलाओं एवं बच्चों के विकास से ही बेहतर राष्ट्र के विकास का सपना साकार हो सकता है। सिर्फ कार्ययोजना बनाने से नहीं बल्कि संवेदनशील होकर कार्ययोजना पर अमल करने की आवश्यकता है ।

इस मौके पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम ने बताया कि  किसी भी मुसीबत में घर बैठे हेल्पलाइन के जरिये तत्काल राहत पहुंचाने का भी काम चल रहा है। मिशन शक्ति अभियान के जरिये अब इन योजनाओं का प्रचार-प्रसार भी तेजी से हो रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 11.57 लाख कन्याओं को मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत लाभ दिया जा रहा है। इसी के साथ पति की मृत्यु के बाद निराश्रित लगभग 31 लाख महिलाओं को पेंशन योजना के तहत 1000 रुपए प्रति माह की दर से चार तिमाही में भुगतान किया जा रहा है।

ऐंकर एवं रिपोर्टर श्रुति के एक सवाल के जवाब में बाल अधिकार संरक्षण आयोग, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा ने बताया कि बाल मन में अंकित छवि उनके जीवन में बहुत गहरा प्रभाव डालती हैं, इसीलिए बच्चों के लिए हिंसा व शोषण मुक्त माहौल बनाने में सभी की भागीदारी बहुत जरूरी है। सरकार भी इसके लिए निरंतर प्रयास कर रही है। कोविड के चलते अनाथ हुए बच्चों की मदद के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अंतर्गत मिलने वाली मदद बहुत बड़ा सहारा है।

उन्होंने कहा कि अपनों के खोने के गम को तो दूर नहीं किया जा सकता लेकिन बच्चों के बेहतर भविष्य निर्माण के लिए यह एक अच्छी पहल जरूर साबित हो रही है। योजना ने बच्चों में यह भाव जरूर जगाया हैं कि इस वैश्विक महामारी में हम अकेले नहीं है। अब तक बाल सेवा योजना और बाल सेवा योजना सामान्य के जरिए 16 हजार से अधिक बच्चों को लाभ पहुंचाया गया है। इसी के साथ चाइल्ड लाइन, वन स्टॉप सेंटर के जरिए बच्चों की मदद के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।

महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश के उप निदेशक पुनीत कुमार ने बताया कि अभियान के जरिए सभी योजनाओं का लाभ समय से पात्र लाभार्थियों को मिले, इसके लिए विभाग ने 100 दिन से लेकर आगामी पांच वर्षों तक का लक्ष्य निर्धारित किया है। 100 दिवसीय कार्ययोजना के तहत हर 15 दिन में प्रदेश भर में स्वालंबन शिविर का आयोजन किया जायेगा।

जिसमें मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्प लाइन, बालिका सुरक्षा जागरूकता अभियान, बाल संरक्षण सेवाएं और निराश्रित महिला योजना के बारे में विभिन्न तरीके से जागरूक किया जाएगा। इसी तरह योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन, रिक्त पदों की भर्ती, निर्माणाधीन इमारतों को पूरा करना आदि लक्ष्यों की पूर्ति के लिए अलग-अलग समय सीमा तय की गई है।

कार्यक्रम में सीफार की नेशनल प्रोजेक्ट लीड रंजना द्विवेदी ने कहा कि योजनाओं को सही मायने में धरातल पर उतारने में मीडिया की अहम भूमिका है| महिला कल्याण की जो भी योजनाएं चल रहीं हैं उनको जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से आज की यह कार्यशाला आयोजित की गई है| कार्यशाला में मीडिया के सवालों का निदेशक ने जवाब दिया।

कार्यशाला में बाल संरक्षण आयोग के सदस्य श्याम त्रिपाठी, अनीता अग्रवाल, लखनऊ मण्डल के डेप्यूटी सीपीओ सर्वेश पांडे, मण्डल के समस्त जिला प्रोबेशन अधिकारी सहित महिला कल्याण विभाग के राज्य सलाहकार नीरज मिश्र और प्रीतेश, सीफ़ार के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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