लखनऊ /कानपुर / गोरखपुर । क्या बर्बरता सभ्य समाज का हिस्सा हो सकती है? क्या पुलिस या प्रशासन किसी की जान लेने के लिए है या उन्हें बचाने के लिए है? माँ की गोद में नन्हा बच्चा समाज को देख रहा है अगर तुरंत प्रभावी कार्रवाई नही हुई तो पिता का बहता खून उस बच्चे को हर पल याद आएगा। दोषी पुलिसवालों और मामला ढंकने वालों पर सख्त कारवाई करना सुशासन की पहचान होगा। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में बीते दिनों वहां की पुलिस ने होटल में रात्रि रेड करके तीन व्यापारियों के साथ बर्बर व्यवहार किया उसमें से एक की मौत हो गई।
आखिर पुलिस वालों में गुस्सा क्यों पनप रहा है जिसकी वजह से आम नागरिकों की जान जा रही है इस सवाल का जवाब ढूंढने हमारी रिपोर्टर ज़ीनत ने शहर के बुद्धिजीवियों से बात की।
लखनऊ स्थित बाबा साहब आंबेडकर यूनिवर्सिटी के मीडिया के प्रोफेसर गोविंद पाण्डेय ने बताया कि पुलिस में बढ़ते गुस्से के पीछे पुलिस वालों के साथ किया जा रहा सलूक भी जिम्मेदार है जिन परिस्थितियों में पुलिस काम कर रही है उसको बदलने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि पुलिसवालों को भी मानव मानना होगा सरकारी सिस्टम की ओर इशारा करते हुए कहा उनको भी छुट्टी देना चाहिए पुलिस वालों का भी परिवार है उनके साथ समय बिताने का मौका देना होगा तभी वो परिवार की अहमियत को समझ पायेंगे।
ज़ीनत ने आकाशवाणी के रिटायर्ड अधिकारी अवधेश प्रताप सिंह से पुलिस वालों के क्रूर होते जा रहे व्यवहार के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में सुधार की अत्यंत आवश्यकता है पदानुक्रम में नीचे के ओहदों पर काम कर रहे सिपाही और अन्य जवानों की मानसिक हालत को समझने की जरूरत है अगर उनकी मनःस्थिति नहीं समझी गई तो समाज का बुरा होना तय है मीडिया विशेषज्ञ अवधेश प्रताप सिंह ने सुझाव दिया कि उनकी सैलरी बढ़ाई जाये अगर धन की आवश्यकता है तो सरकार को चाहिए कि जनता पर एक परसेंट का सेस लगाये लेकिन अच्छी और सच्ची पुलिस का स्थापना हो जो जनता को पीटने के बजाय उसके साथ अच्छा सुलूक करे।
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने कहा कि यूपी सीएम के गृह जनपद गोरखपुर की पुलिस द्वारा होटल में रात्रि रेड करके तीन व्यापारियों के साथ बर्बर व्यवहार व उसमें से एक की मौत अति-दुःखद व शर्मनाक घटना है जो राज्य में भाजपा सरकार के कानून-व्यवस्था के दावों की पोल खोलता है। वास्तव में ऐसी घटनाओं से पूरा प्रदेश पीड़ित है।
उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि राज्य सरकार पीड़ित परिवार को हर स्तर पर समुचित न्याय देने के साथ-साथ ऐसी अन्य जघन्य घटनाओं को भी अति-गंभीरता से लेकर इनकी पुनरावृति को रोकना सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी उपाय करे।
उधर उत्तर प्रदेश कॉग्रेस ने मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर को देखने गए कानपुर के व्यापारी की होटल में योगी की पुलिस द्वारा पीटपीटकर की गयी हत्या की कड़े शब्दों में निंदा और घटना की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच कराने की मांग करते हुए कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता और समाजसेविका प्रियंका गुप्ता ने कहा कि हर मोर्चे पर विफल भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश में कानून व्यवस्था को ध्वस्त करने में भूमिका निभाते हुए अपराधियो को सत्ता संचालन का अधिकार दे चुकी है और उनकी पुलिस पूरी तरह सभ्य समाज को आक्रांत करने उनके साथ लूटपाट और हत्या करने में जुटी है।
कांग्रेस प्रवक्ता गुप्ता ने कहा कि योगी का इकबाल अपराधियो के सामने नही बचा वह उनके समक्ष नतमस्तक है। कभी उनके पुलिस अधीक्षक व्यापरो की हत्या करते है, कभी अपहरणकर्ताओं को फिरौती देने के लिये उनकी पुलिस गरीब का घर बिकवा कर धन स्वयं हड़प जाती है और एक परिवार का युवा और उसकी संपत्ति भी छीन जाती है। उंन्होने कहा कि व्यापारी मनीष गुप्ता के हत्यारे पुलिसकर्मियों के विरुद्ध फास्टट्रैक कोर्ट गठित कर मुकदमा चलाया जाए और उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।