लखनऊ / वाराणसी। ज्ञानवापी मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। ज्ञानवापी मामले में सर्वे कमिश्नर अजय मिश्र नहीं हटाए जायेंगको जबकि कोर्ट ने दो और सहायक कमिश्नर नियुक्त किए हैं। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने कमिश्नर मिश्रा को हटाने के साथ ही सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी। कोर्ट ने आदेश दिया है कि 17 मई से पहले सर्वे किया जाएगा।
कोर्ट ने अपने आदेश में बहुत स्पष्ट लिखा है कि प्रतिदिन सुबह 8:00 बजे से 12:00 बजे तक वीडियोग्राफी की कार्रवाई की जाएगी। मुस्लिम पक्ष द्वारा बैरिकेडिंग के दूसरी तरफ जाने से रोक लगाए जाने की मांग पर उन्होंने इस को अमान्य करते हुए पूरे परिसर की और यहां तक कि तहखाने की भी पूरी वीडियो ग्राफी का आदेश दिया है।
आदेश में स्पष्ट लिखा है कि अगर ताला ना खुले तो ताला तोड़ दिया जाए और वहां पर अमन शांति की व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी। जो व्यक्ति भी इस सर्वे कार्य में बाधा उत्पन्न करेगा, उसके विरुद्ध सख्त से सख्त धाराओं में एफ आई आर (FIR) दर्ज किया जाएगा। अब मुस्लिम पक्ष के सामने सिर्फ और सिर्फ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा बचता है। क्योंकि स्टे के लिए जब वे हाईकोर्ट इलाहाबाद गए थे तो वहां से उन्हें निराशा हाथ लगी थी।