लखनऊ (राज्य मुख्यालय) ।उत्तर प्रदेश सरकार (Govt of UP) मदरसा अनुदान नीति में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए दूरगामी फैसला लिया है। योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने अखिलेश यादव सरकार के फैसले को पलट दिया है अब सूबे के नये मदरसों को अनुदान नहीं दिया जायेगा।
अल्पसंख्यक कल्याण एवं हज मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि हमारा मकसद आधुनिक एवं रोजगारपरक अच्छी शिक्षा देना है जिससे कि मदरसों में शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों को रोजगार के बाजार के लिए तैयार किया जा सके।
आपको बता दें कि अखिलेश सरकार में ही मदरसों के अनुदान पर विवाद हो गया था 2016 में अखिलेश सरकार ने मदरसों को अनुदान देने के लिए नीति बनाई थी। इस नीति के आधार पर ही मदरसा प्रबंधक अनुदान प्राप्त करने के लिए न्यायालय की शरण में जाते थे। नए प्रस्ताव से अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाकर भी मदरसों को कोई राहत नहीं मिलेगी।
सपा सरकार ने 146 में से 100 मदरसों को अनुदान देना शुरू किया। लिहाजा बाकी बचे 46 मदरसों को अनुदान सूची पर लेने से पहले ही सरकार में अंतर्कलह शुरू हो गई थी। मदरसों को अनुदान देने के लिए सपा सरकार में बनी नीति का हवाला देते हुए कई मदरसा प्रबंधक हाईकोर्ट चले गए थे। दलील थी कि जब वे मानक पूरे कर रहे हैं तो उन्हें भी नीति के तहत अनुदान क्यों नहीं दिया जा रहा है?