संयुक्त मोर्चा ने कहा, मान लो मांग वरना संसद घेरेंगे किसान

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि किसान शांति के साथ आंदोलन करना चाहते हैं और देश को कृषि कानून के खिलाफ एक अहम संदेश देना चाहते हैं। उत्तर प्रदेश और पंजाब के कई किसान भजुड़ेंग इस आंदोलन में जुड़ेंगे

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लखनऊ / दिल्ली । केंद्र सरकार के कृषि कानून को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर पिछले कई महीनों से धरना दे रहे किसान अब मानसून सत्र में संसद का घेराव करने का इरादा बना लिया है। सिंघु बॉर्डर पर रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा की सभा के मंच पर किसानों की बैठक में फैसला लिया गया कि वे संसद का घेराव करेंगे। बता दे कि मॉनसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होगा इसी दौरान किसान संसद का घेराव करेंगे। 

संयुक्त किसान मोर्चा के अनुसार वे तब तक धरना देंगे जब तक संसद सत्र खत्म नहीं हो जाता। धरने के दौरान कई आयोजन भी होंगे।

भारतीय किसान सभा के प्रधान बूटा सिंह बघेल ने बताया कि “17 जुलाई को वे विपक्ष दल के सांसद के घर पहुंचेंगे और उन्हें चेतावनी पत्र देंगे। हमारी उन से विनती है कि वह सांसद में कृषि कानून के खिलाफ या तो अपनी चुप्पी तोड़े या फिर अपनी सीट छोड़ दें। 5 दिन बाद किसानों का काफिला सिंघु बॉर्डर को छोड़कर सांसद की ओर कूच करेगा। विपक्षी दल के सांसद अंदर कार्यवाही में बाधा डाले और हम बाहरी बैठेंगे। 

संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि करीब 200 लोग प्रतिदिन संसद के बाहर 13 अगस्त तक जब तक संसद सत्र खत्म नहीं होगा धरना देंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि किसान शांति के साथ आंदोलन करना चाहते हैं और देश को कृषि कानून के खिलाफ एक अहम संदेश देना चाहते हैं। उत्तर प्रदेश और पंजाब के कई किसान भजुड़ेंग इस आंदोलन में जुड़ेंगे। एसकेएम ने यह भी बताया कि वे 8 जुलाई 10:00 से 12:00 तक पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेंगे। 

आपको बताते चलें कि संसद सत्र के दौरान देशभर से सांसद सामान्य तौर पर राजधानी दिल्ली में रहते हैं और उस वक्त में संसद का घेराव करने का इरादा किसानों ने किया है ताकि किसानी कानून केंद्र सरकार वापस ले सके।

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