लखनऊ / दिल्ली। कोरोना के अलग-अलग रूपों की पहचान करने के लिए केंद्र सरकार ने जिस वैज्ञानिक सलाहकार समिति का गठन किया था, उसके अध्यक्ष सीनियर वायरोलॉजिस्ट डॉ शाहिद जमील ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
डॉ जमील ने हाल ही में न्यूयॉर्क टाइम्स में एक लेख में भारत के कोविड-19 प्रबंधन की आलोचना की थी. उन्होंने कम टेस्टिंग, वैक्सीनेशन की धीमी गति, वैक्सीन की कमी और हेल्थकेयर वर्कर्स की जरूरतों को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने हाल ही में कहा था, “दूसरी लहर को खत्म होने में जुलाई तक का वक्त लग सकता है. कोविड की लहर चरम पर है, लेकिन ये कहना जल्दबाजी होगा कि की पीक खत्म हो चुका है।
पिछले महीने डॉ जमील ने पीटीआई से बातचीत में कहा था कि अगले कुछ महीनों में वायरस के वेरिएंट और वैक्सीनेशन की स्थिति भारत और विश्व में कोविड का भविष्य तय करेगी। उन्होंने कहा था, तथ्य यह है कि संक्रमण की पहली लहर के समाप्त होने के बाद लोगों ने सावधानी बरतना कम कर दिया और कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जोकि निश्चित तौर पर मामलों में उछाल का एक कारण है।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा कि INSACOG जो कि सरकार की वैज्ञानिक सलाहकार समिति है, उसके प्रमुख एस. जमील ने इस्तीफा दे दिया. INSACOG ने ही पीएमओ को मार्च की शुरुआत में कोरोना के इंडियन म्यूटेंट के बारे में चेतावनी दी थी।