लखनऊ / दिल्ली । पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव के मामले में भारत को थोड़ी राहत मिली है। 4 साल पहले जासूसी के आरोप में पाकिस्तान सैन्य अदालत ने कुलभूषण जाधव को सजा-ए-मौत सुनाई थी। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने इंटरनेशनल न्यायालय के फैसले( समीक्षा और पुनर्विचार )अध्यादेश 2020 को स्वीकृति दे दी है। गुरुवार को पाकिस्तान नेशनल असेंबली से कुलभूषण जाधव को अपनी सजा के खिलाफ किसी भी हाईकोर्ट में अपील देने की इजाजत मिल गई है।
बता दें कि भारत ने कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा को रोकने के लिए इंटरनेशनल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसके बाद इंटरनेशनल कोर्ट ने सजा पर रोक लगाते हुए एक बार फिर प्रवाभी समीक्षा और पुनर्विचार करने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ने 2016 में बलूचिस्तान से अगवा कर लिया था। भारत का दावा है कि कुलभूषण जाधव भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी हैं और बलूचिस्तान में एक बिजनेस डील के लिए गए हुए थे। यहीं से उनका अपहरण हुआ था और फिर उन्हें पाकिस्तान आर्मी के हवाले कर दिया गया था । सन् 2017 में एक सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप पर कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई थी।
इसके बाद भारत में इंटरनेशनल कोर्ट का रुख किया था और पाकिस्तान द्वारा राजनीतिक पहुंच नहीं दिए जाने और मौत की सजा को चुनौती दी थी। तब से यह मामला अदालत में पड़ा है। इंटरनेशनल कोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी थी साथ ही उन्हें काउंसलर एक्सेस देने को भी कहा था।