ईरान ने इरबिल में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पर दागीं 12 मिसाइल, हुआ भारी नुकसान

एक सुरक्षा बयान में कहा गया है कि, रविवार तड़के इरबिल को “कई मिसाइलों के साथ” निशाना बनाया गया है और सुरक्षा अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं। यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जब ईरान सरकार और अमेरिका के बीच एक बार फिर से परमाणु समझौते पर बातचीत शुरू होने वाली है

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लखनऊ /दिल्ली । इरबिल, इराक के उत्तरी शहर इरबिल में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास पर भीषण हमले किए गये हैं और दूतावास को निशाना बनाकर कम से कम 12 मिसाइल दागी गई हैं, जिससे इराकी दूतावास को भारी नुकसान पहुंचा है।अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने कहा है कि, अमेरिकी दूतावास पर ये हमला ईरान से किया गया है।

अमेरिकी दूतावास पर हुए हमले को लेकर इराक और अमेरिकी अधिकारियों ने नुकसान को लेकर अलग अलग जानकारियां दी हैं। एक और अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि, हमले में किसी भी अमेरिकी अधिकारी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है और ना ही दूतावास को ही नुकसान पहुंचा है और ना ही कोई हताहत हुआ है, वहीं, इराकी अधिकारियों की तरफ से कहा गया है कि, कई मिसाइलों ने दूतावास को निशाना बनाया है, लेकिन जिस वाणिज्य दूतावास पर हमला किया गया है, वो बिल्कुल नया ही है और इस वक्त उस दूतावास से कामकाज शुरू नहीं हुआ था और दूतावस खाली था, इसीलिए नुकसान नहीं हुआ है।

वहीं, एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया है कि, अभी भी साफ नहीं हो पाया है कि, वाणिज्य दूतावास पर कितनी मिसाइलें गिरी हैं और वास्तव में मिसाइलों को कहां से दागी गई थी। जबकि, इराकी सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि हमले से हताहत होने की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं है। ये हमला आधी रात के तुरंत बाद हुआ है और मिसाइल हमले के बाद पूरे इलाके में भारी नुकसान पहुंचा है। इराकी अधिकारियों में से एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि, बैलिस्टिक मिसाइलें ईरान से दागी गईं हैं। हालांकि, उन्होंने इससे ज्यादा जानकारी नहीं दी। वहीं, अमेरिकी अधिकारी मिसाइल के प्रकार की पुष्टि नहीं की।

दूसरे अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि, इस घटना की जांच इराक सरकार और कुर्द क्षेत्रीय सरकार द्वारा की जा रही है। अधिकारी ने एक बयान में कहा कि, अमेरिका ने “इराकी संप्रभुता और हिंसा के प्रदर्शन के खिलाफ अपमानजनक हमले” की निंदा की है। यह हमला सीरिया के दमिश्क के पास एक इजरायली हमले के कई दिनों बाद हुआ, जिसमें ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड के दो सदस्य मारे गए थे। ईरान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को हुए हमले की कड़ी निंदा की और बदला लेने की कसम खाई थी।

रविवार को, ईरान की सरकारी आईआरएनए समाचार एजेंसी ने इराकी मीडिया के हवाले से इरबिल में हमलों को स्वीकार किया था, लेकिन यह नहीं बताया कि, हमला कहां से किया गया था। वहीं, सैटेलाइट प्रसारण चैनल कुर्दिस्तान24, जो अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के पास स्थित है, हमले में टीवी चैनल को भी नुकसान पहुंचा है।

एक सुरक्षा बयान में कहा गया है कि, रविवार तड़के इरबिल को “कई मिसाइलों के साथ” निशाना बनाया गया है और सुरक्षा अधिकारी इसकी जांच कर रहे हैं। यह हमला ऐसे समय में हुआ है, जब ईरान सरकार और अमेरिका के बीच एक बार फिर से परमाणु समझौते पर बातचीत शुरू होने वाली है और इस बात की भी रिपोर्ट है, कि अमेरिका ईरान से तेल खरीदने पर प्रतिबंधों में छूट दे सकता है, जबकि अमेरिका और पश्चिमी देश लगातार रूस पर यूक्रेन युद्ध की वजह से प्रतिबंध लगा रहे हैं। वहीं, मध्य पूर्व के लिए शीर्ष अमेरिकी कमांडर ने इराक और सीरिया में सैनिकों और अमेरिका सहयोगियों पर ईरान और ईरान समर्थित मिलिशिया से हमलों के बढ़ते खतरों को लेकर बार-बार चेतावनी जारी की है।

दिसंबर में एसोसिएटेड प्रेस के साथ एक साक्षात्कार में, मरीन जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने कहा था कि, इराक में अमेरिकी सेना एक गैर-लड़ाकू भूमिका में ट्रांसफर हो गई है, और ईरान और उसके प्रतिनिधि अभी भी चाहते हैं, कि सभी अमेरिकी सैनिक देश छोड़ दें। नतीजतन, इराक में अमेरिकी दूतावासों या सहयोगियों पर और हमले हो सकते हैं।

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