नसीहत । अधिक से अधिक सीखें और विधायी जीवन में अनुशासन अपनायें पहली बार के विधायक

विधायक सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करने की दिशा में कार्य करें ताकि विकास कार्यों को गति मिले। कहा कि अपने निर्वाचन क्षेत्र के निवासियों की शिकायतों, उनके हितों को सदन में उठाना तथा कानून बनाने में विधायिका की सहायता करना और सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में विधायक को प्राथमिकता से कार्य करना चाहिए।

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लखनऊ (राज्य मुख्यालय) । उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने रविवार को विधान भवन स्थित तिलक हाल में उत्तर प्रदेश की 18वीं विधान सभा में प्रथम बार निर्वाचित विधायकों के लिये आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम में सहभाग किया। उन्होंने कहा कि इस प्रबोधन कार्यक्रम से विधायकगण अधिक से अधिक चीजों को सीखें और उन्हें विधायी जीवन में पूर्ण अनुशासन के साथ अपनाएं ताकि जनप्रतिनिधि के रूप में उनकी भूमिका अधिक प्रभावी रूप से लोगों के सामने उभर सके।

18वीं विधान सभा में कुल निर्वाचित 403 सदस्यों में से पहली बार 128 सदस्य तथा 47 महिला सदस्यों के निर्वाचित होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। कहा कि विधायकों को भविष्य में इस सदन में अनेक प्रकार की राजनीतिक विविधता, स्पर्धा, वैचारिक एकता और भिन्नता को देखने का अवसर प्राप्त होगा।

श्रीमती पटेल ने कहा ऐसे में विधायकों की अभिव्यक्ति और व्यवहार स्पष्ट रूप से निर्धारित नियमों और संविधान निर्माताओं द्वारा निर्धारित कार्य प्रणालियों के अनुसार ही होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि, जनता से अधिक से अधिक संवाद कर और क्षेत्र में स्वयं उपस्थित रहकर उनकी समस्याओं को भली-भांति समझकर त्वरित रूप से निराकरण करें। विधायक सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करने की दिशा में कार्य करें ताकि विकास कार्यों को गति मिले। कहा कि अपने निर्वाचन क्षेत्र के निवासियों की शिकायतों, उनके हितों को सदन में उठाना तथा कानून बनाने में विधायिका की सहायता करना और सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में विधायक को प्राथमिकता से कार्य करना चाहिए।

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