लखनऊ / दिल्ली । फ्लाइंग सिख’के नाम से मशहूर धावक ‘मीका सिंह’ का बीती रात निधन हो गया। 91 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। वह कोरोनावायरस से संक्रमित और चंडीगढ़ स्थित पीजीआई में उनका इलाज चल रहा था। कल रात 11:30 बजे मीका सिंह ने अंतिम सांस ली थी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया और ट्वीट करते हुए श्रद्धांजलि दी।
करोड़ों लोगों के लिए मीका सिंह प्रेरणा सोत्र रहे हैं। ऐसी बता दे कि एशिया खेलों में चार स्वर्ण पदक और कॉमनवेल्थ गेम में एक गोल्ड जीतने वाले मीका सिंह की रफ्तार की दुनिया दीवानी थी। उन्हें पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति फील्ड मार्शल अयूब खान ‘फ्लाइंग सीख ‘ की उपाधि से नवाजा था। इसके बाद में दुनिया भर में फ्लाइंग सिख के नाम से जाने जाने लगे। वही खेलों में उनके अतुल्य योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था।
मीका सिंह का जन्म अविभाजित भारत के गोविंदपुर 20 जून सन 1910 में एक सिख राठौर परिवार में हुआ था। अपने मां-बाप के कुल 15 संतानों में से एक थे। भारत के विभाजन के बाद हुए दंगों में मिका सिंह ने अपने मां बाप और भाई बहन को दिया। अंतत आवेश शरणार्थी बनकर ट्रेन से पाकिस्तान से दिल्ली आए।
अपने भाई मलखान के कहने पर उन्होंने सेना में भर्ती होने का निर्णय लिया और चौथी कोशिश के बाद 1951 में सेना में भर्ती हो गए। सेना में उन्होंने कड़ी मेहनत की और 200 मीटर और 400 मीटर में अपने आप को स्थापित किया और कई प्रतियोगिता में सफल हुए। सन 1956 के मेल में रेडबोन ओलंपिक खेलों में 200 और 400 मीटर की प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व किया लेकिन सफल नहीं हो पाए। 400 मीटर प्रतियोगिता के विजेता चार्ल्स डिकेंस के साथ हुई मुलाकात ने ना सिर्फ प्रेरित किया बल्कि ट्रेनिंग के नए तरीके से अवगत भी कराया।
उसके बाद 1958 में कटक में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में उन्होंने 200 मीटर और 400 मीटर प्रतियोगिता में राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित किया और एशियन खेलों में भी इन दोनों प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया। सन 1958 में भी उन्होंने ब्रिटिश राष्ट्रमंडल खेलों में 400 मीटर प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया। इसके चलते स्वतंत्र व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक वह भारत के पहले खिलाड़ी बन गए।
इन्होंने रोम किए 1960 ग्रीष्म ओलंपिक और टोक्यो के 1964 ग्रीष्म ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया था, इसी दौरान उन्हें उड़न सीख का उपमान दिया गया था। 1960 के रोम ओलंपिक खेलों में उन्होंने पूर्व ओलंपिक कीर्तिमान को ध्वस्त किया लेकिन पदक से वंचित रह गए। इस दौड़ के दौरान उन्होंने ऐसा राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित किया जो लगभग 40 साल बाद जाकर टूटा। https://sverige-ed.com/kopa-receptf…-levitra/
मिल्खा सिंह ने भारतीय महिला वॉलीबॉल के पूर्व कप्तान विमल कौर से सन 1962 में विवाह किया। वर्ष 2013 में मीका सिंह ने अपनी बेटी सोनिया सांवलका के साथ मिलकर अपनी आत्मकथा ‘द रेस ऑफ माय लाइफ ‘लिखी। इसी पुस्तक से प्रेरित होकर हिंदी फिल्मों के मशहूर निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने’ भाग मिका भाग’ नामक फिल्म बनाई जिसमें फरहान अख्तर ने मीका सिंह का किरदार निभाया था।