भारत सरकार के बिजली मंत्री ने यूपी के बिजली व्यवस्था की तारीफ की

विगत एक वर्ष में तकनीकी एवं वाणिज्य हानियों को (AT & C Losses) कम करने में सफलता मिली और इसमें 09 प्रतिशत तक की गिरावट आयी। वित्तीय वर्ष 2021-2022 में 31.19 प्रतिशत की तकनीकी एवं वाणिज्य हानियां दर्ज की गयी थी, जो कि वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 09 प्रतिशत से ज्यादा घटकर 22.01 प्रतिशत ही रह गयी हैं।

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लखनऊ (राज्य मुख्यालय) । भारत सरकार के केंद्रीय विद्युत मंत्री श्री आर.के. सिंह ने उत्तर प्रदेश में हो रहे विद्युत सुदृढ़ीकरण के कार्यों, विगत 01 वर्ष में लाइन हानियो में 09 प्रतिशत की कमी होने तथा अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में किये जा रहे बेहतरीन कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है जिसने विगत एक वर्ष में एटी & सी लॉसेस को 09 प्रतिशत तक कम किया है, इसके लिए उन्होंने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा, उनकी टीम तथा विद्युत कर्मियों के कार्यों की प्रशंसा की और प्रोत्साहित किया।

केंद्रीय विद्युत मंत्री श्री आर.के. सिंह आज नई दिल्ली में भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय द्वारा 06 व 07 नवम्बर को आयोजित किए गए राज्य एवं संघ राज्यक्षेत्र के विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि अन्य प्रदेशों को भी उत्तर प्रदेश से सीख लेना चाहिए। उत्तर प्रदेश ने केंद्र की आरडीएसएस योजना के मद में भेजी गई धनराशि का बेहतर उपयोग कर अपनी बिजली की जर्जर व्यवस्था को दुरुस्त कर रहा। उत्तर प्रदेश का विद्युत तंत्र अब सक्षम बन रहा है।इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के हाल के आधारभूत संरचना के कार्य तथा अनेक क्षेत्रों में वर्तमान सुधार के मापदण्डों पर उत्तर प्रदेश के उत्कृष्ट प्रदर्शन की प्रशंसा हुई।

केंद्र की RDSS योजना में देश में सर्वोत्तम कार्य करते हुए बिजली की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ बनाने के लिए भारत सरकार से RDSS योजना में मिले फंड का समुचित एवं संपूर्ण उपयोग करने के लिए।AT & C Losses (हानियाँ) 09 प्रतिशत कम करने का सीधा अर्थ यह है कि 8500 करोड़ रुपये का फ़ायदा। इसका यह अर्थ है कि 01 लाख करोड़ रूपए के घाटे में चल रहे विद्युत तंत्र का घाटा एक झटके में ही 10 प्रतिशत कम हुआ।आश्चर्य नहीं कि पिछले साल की अपेक्षा अक्तूबर 2023 के महीने में 20 प्रतिशत राजस्व संग्रह ज़्यादा हुआ है। वहीं आरडीएसएस योजना में अच्छा काम होने का अर्थ यह है कि जहां जर्जर तार और बांस-बल्ली के खंभों से मुक्ति मिलेगी, वहीं ऐबी केबल लगाने से लाइन लॉस और भी कम होगा।

प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा के प्रयासों व निर्देशन में विद्युत के आधारभूत संरचना में किये गये अनुरक्षण एवं नवीनीकरण के कार्यों से पिछले डेढ़ वर्षों में उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था में ऐतिहासिक सुधार हुआ है। उपभोक्ताओं को अनवरत विद्युत आपूर्ति देने के साथ ही तकनीकी एवं वाणिज्य हानियां (AT & C Losses) में 09 प्रतिशत की गिरावट आई और राजस्व संग्रह में 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी में भी अभूतपूर्व सफलता मिली।विगत एक वर्ष में किये गये अनुरक्षण कार्यों से 41 हजार किलोमीटर लंबाई के जर्जर तार बदल कर नई बंच केबल लगाई गयी। साथ ही पिछले माह में 90 हजार नये खंभे भी लगाये गये हैं।

विगत एक वर्ष में तकनीकी एवं वाणिज्य हानियों को (AT & C Losses) कम करने में सफलता मिली और इसमें 09 प्रतिशत तक की गिरावट आयी। वित्तीय वर्ष 2021-2022 में 31.19 प्रतिशत की तकनीकी एवं वाणिज्य हानियां दर्ज की गयी थी, जो कि वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 09 प्रतिशत से ज्यादा घटकर 22.01 प्रतिशत ही रह गयी हैं।पिछले एक वर्ष में राजस्व संग्रह में भी 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। अक्टूबर 2022 में राजस्व संग्रह 4139 करोड़ रूपये हुआ था जो कि इस वर्ष 2023 के अक्टूबर माह तक 20 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 4844 करोड़ रूपये हुआ है।

प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने और इसके आधारभूत संरचना को बदलने के लिये केन्द्र की मदद से प्रदेश में आर.डी.एस.एस. एवं बिज़नस प्लान योजना चलायी जा रही है। आर.डी.एस.एस. योजना के अंतर्गत वर्तमान में 17 हजार करोड़ रूपये से अधिक की लागत से कार्य कराये जा रहे हैं। साथ ही बिजनेस प्लान के तहत 05 हजार करोड़ रूपये और नगरों में विद्युत व्यवस्था के सुधार हेतु एक हजार करोड़ रूपये के कार्य कराये जा रहे हैं। इस प्रकार कुल 23 हजार करोड़ रूपये से अधिक की लागत से प्रदेश के जर्जर तार, खंभों को बदलने के साथ ही ट्रांसफार्मर बदलने व उच्चीकृत करने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है।

विद्युत व्यवस्था सुधार के तहत प्रतिदिन लगभग 01 हजार ट्रांसफार्मर बदले गयें। पिछले कुछ महीनों में 4.60 लाख ट्रांसफार्मर बदले या उच्चीकृत किए गये। जिससे लो बोल्टेज की समस्या का समाधान हो रहा है। पिछले महीनों में 41 हजार किलोमीटर लंबाई के जर्जर तार बदल कर नई बंच केबल लगाई गईं हैं। इसमें से लगभग 06 हजार कि.मी. अक्टूबर माह में ही लगाई गई। वहीं बांस-बल्ली वाले व जर्जर खंभे बदलने के कार्य में पिछले अक्टूबर माह में ही 90 हजार नये खंभे लगाये गये हैं।साथ ही बिजली की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए जवाहरपुर और ओबरा में 660 मेगावाट की दो यूनिट (1320 मेगावाट) तैयार होकर ऊर्जाकृत हो गयी हैं. वहीँ ओबरा में एन टी पी सी के साथ 1600 मेगावाट की यूनिट डाली जा रही है.

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