ना जूता मेरा जापानी, ना पतलून इंग्लिशतानी पर वैक्सीन है रुसी… फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी

12 अप्रैल 2021 को भारत में स्पूतनिक वी वैक्सीन के इमरजेंसी यूज करने की मंजूरी मिली थी। कंपनी 110 करोड़ वैक्सीन डोज का उत्पादन करेगी।

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लखनऊ / दिल्ली । देश में यह तीसरी वैक्सीन है जिसे  ड्रग रेगुलेटर से करोना टीकाकरण के लिए इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिली है। हिमाचल प्रदेश के बड्डी में बना वैक्सीन का पहला बैच क्वालिटी कंट्रोल जांच के लिए मॉस्को भेजा जाएगा। भारत में कोरोना वैक्सीनेशन के लिए एक और वैक्सीन का उत्पादन कार्य शुरू हुआ है।

24 मई को एक संयुक्त बयान में रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड और भारतीय दवा उत्पादन कंपनी पैनासिया बायोटेक ने इसकी जानकारी दी। संयुक्त बयान में भारत में कोरोना टीकाकरण के लिए तीसरी वैक्सीन के रूप में इमरजेंसी यूज़ की मंजूरी हासिल करने वाली स्पूतनिक वी वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर दिया गया है।

इस बयान में आगे कहा गया है की हिमाचल प्रदेश के बड्डी मे बना वैक्सीन का पहला बैच क्वालिटी कंट्रोल जांच के लिए मास्को स्थित गमालिया सेंटर भेजा जाएगा। गर्मियो में ही वैक्सीन का फुल स्केल प्रोडक्शन शुरू होगा।

पैनासिया बायोटेक की उत्पादन इकाईयां जीएमपी मानको का पालन करती है, उन्होंने डब्ल्यू एच ओ की पूर्व मंजूरी प्राप्त की है। प्रोडक्शन की शुरुआत कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई का अहम कदम है।

12 अप्रैल 2021 को भारत में स्पूतनिक वी वैक्सीन के इमरजेंसी यूज करने की मंजूरी मिली थी। कंपनी 110 करोड़ वैक्सीन डोज का उत्पादन करेगी।

हालांकि, विशाल आबादी को देखते हुए यह वैक्सीन काफी नहीं है, क्योंकि वैक्सीन की जरूरत महसूस हो रही है, पर अब तक 18 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन कि डोज लग चुकी है। कोरोना के खिलाफ देश में चल रही लड़ाई मैं वैक्सीन स्पूतनिक-वी का उत्पादन कोरोना के खिलाफ हथियार मिलने जैसा है।

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