सब से ज्यादा उन लोगों से सावधान रहिये जिन्हें हर बात का सिर्फ़ इसलिए विरोध करना होता है ताकि वो कुछ हट के लिख सके और ज्यादा लाइक पा जाएँ, चाहे टॉपिक किसी त्यौहार का हो या महामारी का,ये लोग बीच में कूद के अपना एक एकदम अलग नज़रिया रखेंगे विरोध का, ये बीमार होते हैं और इन्हें मनोचिकित्सक की ज़रूरत होती है।
कोरोना को #WHO ने महामारी घोषित कर दिया है भारत बहुत बड़े बड़े क़दम उठा रहा है.. क्यूंकि WHO ने पहले ही साफ़ कर दिया था कि अगर ये भारत और अफ़्रीकी देशों में फैल गया तो इसे संभालना मुश्किल हो जाएगा,और ये अब फैल चुका है,सिर्फ़ हमारी जागरूकता ही इसे और फैलने से रोकेगी इसलिए हमे जितना हो सके उतनी ज्यादा सावधानी बरतनी है।
फेसबुक पर “जन्मजात कुंठित विरोधी” लोग आपको समझायेंगे कि चिल्ल करो.. खाओ पियो ऐश करो, इन कुंठितों को ये अंदाजा नहीं होता है कि ये सिर्फ़ चार लाइक के लिए कितनी खतरनाक बात कर रहे हैं। सरकार इतने युद्ध स्तर पर लोगों को समझा रही है, दिन रात हाई लेवल मीटिंग चल रही है, भारत ने एक महीने के लिए अपने आप को सभी देशों से काट लिया है सारे वीज़ा रद्द कर दिए गए हैं हम सबके फ़ोन की कॉलर tune को बदल दिया गया है सरकार द्वारा, और ये लोग अपनी धुन में हैं। लोगों को ये समझा रहे हैं कि ख़ूब टहलो, माल जाओ, सिनेमा जाओ, ऐश करो, इन्हें ज़रा भी ज़िम्मेदारी का एहसास होता है भला कि ये लिख क्या रहे हैं?
भारत ऐसा देश है कि जहाँ अगर आपने इस तरह की लापरवाही भरी बातें शेयर करनी शुरू की तो लोग उस बात से प्रभावित होकर पचास गुना ज्यादा लापरवाही दिखाएँगे।यहाँ ये हाल है कि सर्दी ज़ुकाम को वैसे ही लोग सीरियसली नहीं लेते हैं और आप उन्हें लापरवाह बनाने की कोशिश कर रहे हैं.. और कोरोना के लक्षण सर्दी ज़ुकाम के ही लक्षण होते हैं इसे यहाँ वैसे ही लोग सीरियसली नहीं लेंगे। सोचिये इतने साफ़ माहौल और इतनी ज़्यादा केयर में रहने वाले हॉलीवुड के मशहूर एक्टर, मेरे पसंदीदा, टॉम हैंक्स और उनकी पत्नी रीटा भी इस वायरस की चपेट में आ गए हैं।
इटली के आठ सौ से ऊपर लोग मर गए हैं चीन में हजारों, अमेरिका में पचास लोग मर गए। सोचिये, कि ऐसे साफ़ सुथरे देश और वहां इतनी ज्यादा जागरूकता के बाद इतनी मौतें हो रही हैं.. तो यहाँ क्या हाल होगा अगर हमने इसको लापरवाही से ट्रीट किया तो, इसलिए अपनी ज़िम्मेदारी समझिये और अपने आसपास लोगों को जागरूक कीजिये, लोगों को लापरवाह मत बनाईये प्लीज।
हर मौसम में सर्दी ज़ुकाम हम सबको होता है मगर ये बताईये कि सर्दी ज़ुकाम से कब हजारों लोग मारे गए हैं? कितने लोग मरते हैं हर साल ज़ुकाम से? ये आम सर्दी ज़ुकाम नहीं है हमारे शरीर में अभी इस वायरस के लिए प्रतिरोधक क्षमता नहीं विकसित हो पायी है इसलिए जो WHO और सरकार समझा रही है उसे समझिये और अपने देश के लोगों के जान की क़ीमत समझिये।
एक बात और समझिये कि शासन कभी खुल के खतरे के बारे में नहीं कहती है ताकि जनता में हंगामा न मचे, पर स्कूलों का बंद होना, ट्रेनों का रद्द होना, अंतरराष्ट्रीय उडानों को स्थगित किया जाना प्रमाण है कि स्थिति गंभीर है, अब थोड़ा गंभीर हो जाइये और स्वयं भी सावधान रहें और दूसरों को भी सावधान रखें।