दिल्ली हाईकोर्ट ने क्यों कहा कि कोरोना की आड़ में हत्यारों को नहीं छोड़ सकते

एडवोकेट कन्हैया सिंघल और एडवोकेट ऋषभ जैन द्वारा दायर की है इस याचिका में उन्होंने उन कैदियों की आवाज उठाते इस बात को रखा है कि यदि जेल में कोरोना वायरस महामारी होता है, तो यह बहुत बड़ी संख्या को प्रभावित करेगा

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लखनऊ / दिल्ली। कोरोना वायरस को देखते हुए जेलों में कैदियों की संख्या को कम करने के लिये दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है जिसमें उन्हें जमानत पर रिहा करने के लिए विचार करने की मांग की गई है।

इस मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि हत्या जैसे गंभीर अपराधों के लिए सजा काट रहे कैदियों को रिलीज नहीं किया जा सकता है।

आपकों बता दे यह याचिका एडवोकेट कन्हैया सिंघल और एडवोकेट ऋषभ जैन द्वारा दायर की है इस याचिका में उन्होंने उन कैदियों की आवाज उठाते इस बात को रखा है कि यदि जेल में कोरोना वायरस महामारी होता है, तो यह बहुत बड़ी संख्या को प्रभावित करेगा और यह कोरोना वायरस फैलाने का केंद्र बन सकता है।

याचिका में कहा गया कि जेल में बंद कैदियों की संख्या अत्यधिक बढ़ी हुई ऐसे में कोरोना संक्रमण फैलने का डर हैं वही दिल्ली सरकार की तरफ साफ कर दिया गया है कि दिल्ली की सभी जेलों में विचाराधीन कैदी और सजा काट रहे कैदियों के लिए कोविड का टेस्ट कराने की सुविधा उपलब्ध है मौजूदा हालत को देखते हुए कैदियों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

आपको बताते चलें इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट का कहना की कई ऐसे अपराधी जिन पर कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं अगर उन्हें जमानत दे दी जाए तो यह इस समाज के लिए ठीक नहीं होगा। 

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