चीन की चालाकियां… हम न तो किसी को छेड़ते हैं और अगर कोई हमें छेड़े तो उसे छोड़ते भी नहीं हैं

लद्दाख के तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन सोमवार (28 जून) को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कारू मिलिट्री स्टेशन में जवानों से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया।

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लखनऊ / दिल्ली । आत्मनिर्भर होना हर व्यक्ति समाज और राष्ट्र का स्वपन होता है। हमारी भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने भी कहा है। कि एक राष्ट्र की शक्ति उसकी आत्मनिर्भरता में है। दूसरों से उधार लेकर काम चलाने में नहीं। आत्मनिर्भर राष्ट्र ही अपने राष्ट्र को सर्वोपरि बना सकता है। क्योंकि जो राष्ट्र आत्मनिर्भर होता है। अपने पैरों पर खड़ा खड़ा होता है। वही अपने आप में सबसे अच्छा होता है।

सीमा पर चीनी चालाकियों को देखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख से चीन को कड़ा संदेश देते हुए सोमवार को कहा कि भारत ‘गलवान वीरों’ के बलिदान को कभी नहीं भूलेगा और देश के सशस्त्र बल हर चुनौती का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं। वालों की संख्या अधिक थी। भारतीय सेना किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। *भारत वसुधैव कुटुंबकम्* में विश्वास रखता है। भारत ऐसे किसी भी कार्यवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा जिससे उसके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचती हो।

रक्षा मंत्री लद्दाख के तीन दिवसीय दौरे पर रविवार को पहुंचे थे। सोमवार को उन्होंने लेह से 88 किलोमीटर दूर क्यूनगम में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा बनाए गए पुल देश को समर्पित किए। इनमें लेह-लोमा मार्ग पर 50 मीटर लंबा पुल भी शामिल है। सैन्य दृष्टि से यह पुल काफी अहम है। इस पुल से सुरक्षा बलों और सेना के ट्रक आदि गुजरने में आसानी होगी। 

लद्दाख के तीन दिवसीय दौरे के दूसरे दिन सोमवार (28 जून) को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कारू मिलिट्री स्टेशन में जवानों से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती मिली है। जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में कमी आई है तो लद्दाख में निवेश और ढांचागत सुविधाएं बढ़ी हैं। रक्षा मंत्री लद्दाख में के कारू मिलिट्री स्टेशन भी गए उन्होंने कहा कि लद्दाख में कई वीर कहानियां है, उन्होंने कहा की मैं आश्वासन दिलाना चाहता हूं कि सशस्त्र बलों की सभी जरूरतों को पूरा किया जाएगा। 

इन राज्यों को मिले पुल: बीआरओ द्वारा बनाए गए 63 पुलों के निर्माण की संयुक्त लागत 240 करोड़ रुपये है इन पुलों में लद्दाख के 11 जम्मू कश्मीर के चार हिमाचल प्रदेश के तीन उत्तराखंड के छह सिक्किम के आठ नागालैंड और मणिपुर का एक-एक और अरुणाचल प्रदेश के 29 पुल शामिल हैं।आत्मनिर्भर राष्ट्र ही अपने राष्ट्र को सर्वोपरि बना सकता है। क्योंकि जो राष्ट्र आत्मनिर्भर होता है। अपने पैरों पर खड़ा खड़ा होता है। वही अपने आप में सबसे अच्छा होता है।

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