लखनऊ / दिल्ली । कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के घातक परिणाम को देखते हुए पिछले कुछ दिनों में हजारों छात्रों ने कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग की है। बता दें कि 23 मई को हुई हाई लेवल मीटिंग में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा था कि 12वीं की परीक्षा की तारीखों पर 1 जून को फैसला लिया जायेगा।
मंगलवार को पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया गया। यह फैसला देशभर में कोरोना की परिस्थितियों को देखते हुए लिया गया है। सीबीएसई और सीआईएससीई की परीक्षाएं रद्द होने से देशभर के करीब 16 लाख छात्रों को बड़ी राहत मिली है।
बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रेल मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, सीबीएसई के चेयरमैन और शिक्षा मंत्रालय के सचिव और सीबीएसई सचिव भी भी मौजूद रहे। प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव और स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा विभागों के सचिव और अन्य अधिकारियों ने भी भाग लिया।
पीएम ने कहा कि देश भर में कोविड-19 महामरी की स्थिति लगातर बदल रही है। हालांकि, देश में नए मामलों की संख्या कम हो रही है और कुछ राज्य प्रभावी सूक्ष्म-नियंत्रण के माध्यम से स्थिति का प्रबंधन कर रहे हैं, कुछ राज्यों ने अभी भी तालाबंदी का विकल्प चुना है। ऐसे में छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर छात्र, अभिभावक और शिक्षक स्वाभाविक रूप से चिंतित हैं।
आपको बताते चले कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सीबीएसई की 12वीं परीक्षा को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर परीक्षा कैंसिल करने की मांग उठाई थी। सिर्फ प्रियंका गांधी ही नहीं बल्कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी एग्जाम कैंसिल करने की मांग उठाई थी. अरविंद केजरीवाल ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।
12वीं परीक्षा को लेकर अन्य स्टेट बोर्डों की बात करें तो अभी एमपी बोर्ड (MPBSE), महाराष्ट्र बोर्ड (Mahahsscboard), झारखंड बोर्ड (JAC) और राजस्थान बोर्ड को 12वीं परीक्षाओं को बारे में फैसला करना है। खास बात यह है कि बोर्ड परीक्षाओं को रद्द किए जाने का लगातर समर्थन करने वाली झारखंड सरकार ने अभी तक 10वीं की परीक्षा रद्द नहीं की और न ही 12वीं परीक्षा पर कोई फैसला किया है। लेकिन सीबीएसई परीक्षा पर फैसला आने के बाद उम्मीद है कि अगले एक-दो दिन में झारखंड सरकार भी अपना फैसला बता सकती है।
एमपी बोर्ड ने 12वीं परीक्षाओं को लेकर सूचना थी कि परीक्षाएं कब और कैसे होंगी, इस पर जून के पहले सप्ताह में फैसला कर लिया जाएगा। सीबीएसई के बाद जिस तरह तेजी से एमपी बोर्ड ने 10वीं की परीक्षाएं रद्द की थीं उससे उम्मीद है कि सरकार और एमपी बोर्ड 12वीं की परीक्षाएं भी रद्द करने पर विचार कर सकता है।
वहीं राजस्थान बोर्ड (RBSE Class 10, 12 Exam 2021) की बात करें तो यहां भी सरकार अब 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को रद्द कर सकती है। कुछ दिन पहले शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा था कि वे सीबीएसई के फैसले के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चर्चा कर 10वीं, 12वीं की परीक्षाओं के बारे में निर्णय लेंगे।
लेकिन अब जिस तरह से सीबीएसई की परीक्षाओं को रद्द किए जाने का फैसला हुआ है उससे प्रभावित होकर राजस्थान सरकार भी कक्षा 10, 12 की परीक्षाओं को रद्द करने पर विचार कर सकती है। उम्मीद है कि राजस्थान बोर्ड 10वीं, 12वीं परीक्षाओं को लेकर ऐलान एक-दो दिन में ही हो जाएगा। इसके अलावा महाराष्ट्र बोर्ड ने भी 10वीं की परीक्षाएं रद्द कर चुका है। यहां भी अभी 12वीं की परीक्षाओं पर फैसला लिया जाना बाकी है जो कि अब जल्द ही तय किया जा सकता है।
सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने के निर्णय लेने के बाद से ही प्रतिक्रियाओं का दौर थम नहीं रहा है। कुछ शिक्षकों द्वारा फैसले का स्वागत किया गया है। वहीं कुछ ने इसका विरोध भी किया है। भोपाल के एक निजी विद्यालय के प्रधानाध्यापक राजेश शर्मा ने अमर उजाला से खास बातचीत की है। इसमें उन्होंने कहा है कि मेरी राय में बारहवीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने का निर्णय अकादमिक से अधिक राजनीतिक है।