लखनऊ ( राज्य मुख्यालय ) । उत्तर प्रदेश में सत्ता में पुनः वापसी के लिए बेचैन भाजपा ने आज अचानक योगी मंत्रिमंडल का विस्तार किया। आज सुबह तक कानों- कान किसी को इस विस्तार की कोई खबर नहीं थी। रविवार की सुबह अचानक 10 बजे योगी आदित्यनाथ की सरकार के विस्तार की खबर सामने आई, जिसमें कहा गया कि आज शाम को साढ़े 5 बजे योगी मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा।
इस सूचना के बाद तत्काल राजभवन में मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी शुरू कर दी गई। आनन -फानन में सारी व्यवस्था हो गई और शाम को मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया। इस विस्तार में 1 कैबिनेट मंत्री और 6 राज्यमंत्री बनाए गए।
यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार से ब्राह्मणों की नाराजगी को दूर करने के लिए जितिन प्रसाद को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। जितिन प्रसाद को आज दोहरा लाभ मिला। मंत्री बनाए जाने से पहले उन्हें राज्य में विधान परिषद के लिए मनोनीत होने वाले 4 सदस्यों में से उन्हें भी विधान परिषद का सदस्य मनोनीत किया गया। जितिन प्रसाद को ब्राहमण होने का फायदा मिला।
यह अलग बात है कि जितिन प्रसाद भाजपा में आने से पहले यूपी में ब्राह्मणों के उत्पीड़न पर खूब बोलते थे और योगी सरकार को कटघरे में खड़ा करने का काम करते थे, लेकिन भाजपा में शामिल हो कर भाजपाई बन जाने के बाद वह अब चुप्पी साधे हुए हैं। वह धौरहरा संसदीय क्षेत्र से दो बार चुनाव हार चुके हैं और इस बार के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उनके परिजन जिला पंचायत का चुनाव हार गए हैं। लेकिन इसके बावजूद उन्हें मंत्री बनाकर भाजपा ने ब्राह्मणों को खुश करने का काम किया है, लेकिन वह विधानसभा चुनाव में भाजपा को कितना लाभ दिला पाएंगे यह तो आने वाले वक्त पर निर्भर है।
जितिन प्रसाद के बाद भाजपा ने सारा दांव पिछड़ों में अति पिछड़ों और दलित समाज पर लगाया है। ओम प्रकाश राजभर पिछड़ों में अति पिछड़ों की राजनीति करते हैं और यह भाजपा के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं। इनको राजनीतिक रूप से खत्म करने के लिए भाजपा ने अति पिछड़ों को लुभाने के लिए संगीता बलवंत बिंद(मल्लाह) को राज्यमंत्री बनाया है। संगीता बलवंत बिंद गाजीपुर सदर से विधायक हैं।
ओम प्रकाश राजभर भी गाजीपुर जिले से विधायक हैं। भाजपा ने ओम प्रकाश राजभर को गाजीपुर में ही घेरने का काम किया है। आगरा के रहने वाले धर्मवीर प्रजापति को भी राज्यमंत्री बनाया गया है। धर्मवीर प्रजापति विधान परिषद के मनोनीत सदस्य हैं। यह 2019 में माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं। यह भी अति पिछड़े कुम्हार जाति से ताल्लुक रखते हैं।
आज के योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल विस्तार में बरेली जिले के बहेड़ी क्षेत्र के भाजपा विधायक छत्रपाल सिंह गंगवार को भी राज्यमंत्री बनाया गया है। इनको मंत्री बनाकर भाजपा ने कुर्मी जाति के वोटरों की नाराज़गी को दूर करने का काम किया है। बरेली के सांसद संतोष कुमार गंगवार को मोदी सरकार से मंत्री पद से हटाए जाने से कुर्मी वोटरों में काफी नाराजगी है। कुर्मी जाति के वोटरों की संख्या बरेली, शाहजहांपुर, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव, जालौन, बाँदा, मिर्जापुर, इलाहाबाद, बनारस और चंदौली में काफी है। इसलिए कुर्मी जाति को साधने के लिए इन्हें राज्यमंत्री बनाया गया है।
इस प्रकार पिछड़ों में अति पिछड़ी जातियों को समाजवादी पार्टी के साथ जाने से रोंकने के लिए भी भाजपा ने पिछड़ी जाति से ताल्लुक रखने वाले लोगों को योगी सरकार में मंत्री बनाया गया है। भाजपा ने इस प्रकार एक तीर से दो शिकार किए हैं। अति पिछड़ों को अखिलेश यादव (सपा ) और ओम प्रकाश राजभर के साथ जाने से रोकने के लिए भाजपा ने दाँव चला है।
अति पिछड़ों के बाद भाजपा ने दलितों को भी लुभाने का काम किया है। बलरामपुर जिले के बलरामपुर सदर से विधायक पलटू राम को भी राज्यमंत्री बनाया गया है। यह दलित समाज से आते हैं। मेरठ के दिनेश खटिक को राज्यमंत्री बनाया गया है। इन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दलितों को साथ लाने के लिए यानी लुभाने के लिए राज्यमंत्री बनाया गया है। इसी प्रकार आदिवासी समुदाय को खुश करने के लिए सोनभद्र जिले के संजय गोंड को भी राज्यमंत्री बनाकर मंत्री के ओहदे से नवाजा गया है।
आज ही भाजपा ने योगी आदित्यनाथ की सरकार के विस्तार से पहले काफी समय से रिक्त चल रही विधान परिषद के 4 सदस्यों का मनोनयन भी गवर्नर से करवाया है। इन 4 सीटों में से एक पर जितिन प्रसाद को गवर्नर आनन्दी बेन पटेल ने मनोनीत किया है।दूसरी सीट पर निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद को मनोनीत किया गया है।
संजय निषाद का मनोनयन करवाकर भाजपा ने निषाद जाति को खुश करने का काम किया है। तीसरी सीट पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गूजर नेता विरेन्द्र गुर्जर को मनोनीत किया गया है। इस प्रकार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गूजर समुदाय के वोटरों को रिझाने के लिए भाजपा ने यह दांव खेला है। विधान परिषद की चौथी सीट पर गोपाल भुर्जी का मनोनयन हुआ है। गोपाल भुर्जी फिलहाल खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं।
तार्किक विश्लेषण