ब्लॉक प्रमुख चुनाव के लिए 825 सीटों पर हुआ नामांकन , नामांकन के कई जिलों में हिंसा व बवाल

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा,'बीजेपी ने कानून-व्यवस्था को बंधक बना लिया है। नामांकन के दौरान बीजेपी नेताओं-कार्यकर्ताओं की अराजकता, हिंसा लोकतंत्र का उपहास है। प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।

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जिला पंचायत अध्यक्ष पर विजयश्री हासिल करने के बाद भाजपा ने ब्लॉक प्रमुखी पर भी परचम फहरा दिया है। गुरुवार को राज्य के 75 जिलों में 826 ब्लॉक अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन (Nomination) दाखिल किए गए. 10 जुलाई को चुनाव होना है. इस दौरान बीजेपी बहुत सी सीटों पर निर्विरोध जीत का दावा कर रही हैं. बीजेपी (BJP) का दावा है कि वह लखनऊ में 61, बनारस में 27, बरेली में 30, गोरखपुर में 44, प्रयागराज में 3, मेरठ में 29, कानपुर में 30, बुंदेलखंड में 19, बाजियाबाद में 1 और गौतमबुद्ध नगर में 2, अलीगढ़ में 7, मुरादाबाद में 8 और आगरा में 31 सीटों पर जीत हालिल करेगी।

वहीं सपा के करीब 10 प्रत्याशियों की जीत लगभग तय दिख रही है. लखनऊ में सपा और बीजेपी के करीब 64 प्रत्याशियों का निर्विरोध ब्लॉक अध्यक्ष चुनाव जीतना करीब तय माना जा रहा है. इनमें एक उम्मीदवार सपा का और दो निर्दलीय हैं. वहीं बीजेपी के 61 प्रत्याशी है. वहीं खबर ये है कि कांग्रेस, आरएलडी समेत दूसरे दलों को कई जगह पर तो प्रत्याशी ही नहीं मिले तो वहीं कई जगह पर उन्होंने पार्टी के साथ धोखा कर दिया। 

जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में शानदार जीत के बाद बीजेपी का जोश ब्लॉक अध्यक्ष चुनाव में भी बहुत हाई है. उनका मानना है कि ज्यादातर सीटों पर बीजेपी का ही कब्जा होगा. चुनाव में में मुकाबला सपा और बीजेपी के बीच है. पंचायत अध्यक्ष चुनाव में शानदार जीत के बाद बीजेपी को लग रहा है कि जमीनी स्तर पर सपा उनके सामने कहीं भी नहीं है. वही कांग्रेस और बीएसपी का भी इस चुनाव में कोई अस्तित्व नहीं दिख रहा है। 

बता दें कि नॉमिनेशन फाइल करने के दौरान सपा और बीजेपी उम्मीदवारों में जमकर बवाल हुआ. दोनों कार्यकर्ता और प्रत्याशी आपस में भिड़ गए. हंगामा इतना बढ़ गया कि सपा समर्थकों की गाड़ी पर हमला कर दिया गया. इस हमले का आरोप सपा बीजेपी पर लगा रही है. हैरानी की बात ये है कि जिला प्रशासन की मौजूदगी में ये पूरा बवाल होता रहा और उन्होंने कोई सख्त एक्शन तक नहीं लिया. कई जगहों पर बीजेपी पर सपा उम्मीदवारों को पर्चा भरने से रोकने का भी आरोप लगाया गया था। 

लखमीपुर खीरी में भी सपा समर्थक ने एक महिला की साड़ी खिंचने की कोशिश हुई। इसका वीडियो भी वायरल हुआ। इस घटनाक्रम पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आज दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक भाजपा सांसद रेखा वर्मा का रिश्तेदार बताया जा रहा है। आरोपी का नाम यश वर्मा बताया जा रहा है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीओ (क्षेत्राधिकारी) और थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया है। नामांंकन के दौरान हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस और सपा ने भाजपा पर निशअखिलेश यादव ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया है।

सीतापुर में कमलापुर थानाक्षेत्र के कसमंडा ब्लॉक में गुरुवार को नामांकन के दौरान जमकर बवाल हुआ। पर्चा दाखिल करने जा रहीं निर्दलीय उम्मीदवार को रोकने को लेकर हुए बवाल के दौरान हथगोले चले। कई राउंड फायरिंग हुई। इससे मौके पर भगदड़ मच गई। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने लाठियां भांजी, लेकिन आक्रोशित लोगों पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ा। घटना के बाद से तनाव है। पुलिस ने हालात को काबू कर लिया है। गोली लगने से तीन लोग घायल हो गए। उन्हें गंभीर हालत में लखनऊ ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया है। सूचना पर डीएम और एसपी ने मौके पर पहुंच कर जांच की है।

एडीजी लॉ ऐंड ऑर्डर प्रशांत कुमार का कहना है कि जहां भी बवाल और हिंसा के मामले सामने आए हैं, वहां आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मतदान के लिए सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए गए हैं। चुनाव बाद के भी विवादों पर नजर रखी जाएगी। निर्वाचन अवधि के दौरान शस्त्र प्रदर्शन प्रतिबंधित रहेगा। नामांकन कक्ष के सौ मीटर की परिधि में सुरक्षा घेरा रहेगा। चेकिंग के बाद ही लोगों को प्रवेश मिलेगा।

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा,’बीजेपी ने कानून-व्यवस्था को बंधक बना लिया है। नामांकन के दौरान बीजेपी नेताओं-कार्यकर्ताओं की अराजकता, हिंसा लोकतंत्र का उपहास है। प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने पलटवार करते हुए, ‘सपा के लोगों की कार्यसंस्कृति, सोच में कोई बदलाव नहीं आया है। प्रदेश में निष्पक्ष तरीके से चुनाव हो रहे हैं तो धनबल और बाहुबल के सहारे जीतने वालों में बौखलाहट है। 

अधिकांश सीटों पर मंत्रियों, विधायकों व दलों के बड़े पदाधिकारियों के परिवारीजनों का ही दबदबा दिखा। प्रतापगढ़ जिले से कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप उर्फ मोती सिंह के बेटे व भतीजे का निर्विरोध निर्वाचन तय है। बहराइच में कैबिनेट मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा और योगी सरकार में मंत्री रहीं अनुपमा जायसवाल के बेटे के निर्विरोध जीतने का रास्ता साफ हो गया है।

सैफई ब्लॉक में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की बहू व सांसद तेज प्रताप यादव की मां मृदुला यादव के खिलाफ किसी ने पर्चा नहीं भरा। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही के बेटों व स्वामी प्रसाद मौर्य की बहू का भी ब्लॉक प्रमुख बनना तय है।

बीकेटी, चिनहट, गोसाईंगंज, मलिहाबाद, काकोरी, मोहनलालगंज, सरोजनीनगर व चिनहट के 8 ब्लॉक प्रमुख पदों पर 20 उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया। बीकेटी से एक पर्चा खारिज होने के बाद 19 उम्मीदवार बचे हैं। शुक्रवार को नाम वापस लिया जा सकेगा।

बीजेपी के पहले ही दावा (BJP Claim To Unopposed Win) किया था कि वह करीब 292 सीटों पर जीत हासिल करेगी. पार्टी ने कहा कि सहयोगी अपना दल के साथ मिलकर जीत का आंकड़ा 295 तक पहुंच जाएगा. आज नाम वापसी की प्रक्रिया के बाद तस्वीर पूरी तरह से साफ हो जाएगी। 

पार्टी पदाधिकारी मान रहे हैं कि जिला पंचायत अध्यक्ष की तरह ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भी भाजपा अधिकांश सीटों पर विजय हासिल करेगी। इस चुनाव में भाजपा का मुकाबला मुख्य रूप से सपा से है। कांग्रेस और बसपा चुनाव में दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं। भाजपा नेताओं का मानना है कि पंचायत चुनाव में जो नतीजे लगातार आ रहे हैं उससे यह स्पष्ट हो गया है कि जमीनी स्तर पर समाजवादी पार्टी की सियासत बहुत पीछे छूट गई है। 

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