आजमगढ़। अवैध रुप से प्लाटिंग कर जमीन की हो रही खरीद-फरोख्त पर लगाम लगाने को लेकर जिला प्रशासन ने नकेल कस दिया है। अब बिना एडीए से ले-आउट पास कराए किसी भी जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी। रजिस्ट्री के पूर्व एडीए से ले-आउट का पास होना अनिवार्य कर दिया गया है। जिला प्रशासन के इस फरमान के बाद अवैध रुप से प्लाटिंग कर जमीन का कारोबार करने वालों में हड़कंप मच गया है।
विकास प्राधिकरण के गठन होने के बाद भी जमीन का अवैध रुप से प्लाटिंग कर खरीद-फरोख्त का कारोबार जोरों पर चल रहा था। जिस पर अब जिला प्रशासन ने लगाम लगाने की कवायद शुरू कर दी है। वर्तमान शहर व आसपास कई ऐसी कालोनियां बस गई है, जिसमें न तो पार्क की सुविधा है न ही सही रास्ता व नाली ही बनी है। इस वजह से जमीन खरीद कर घर बनाने वालों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
अब उसकी जमीन की रजिस्ट्री होगी जिसका ले-आउट विकास प्राधिकरण द्वारा पास किया गया होगा। जिला प्रशासन के इस फरमान से भू-माफियाओं व अवैध रूप से प्लाटिंग कर जमीन की बिक्री करने वालों में हड़कंप मच गया है। डीएम ने फरमान जारी कर इस अवैध कारोबार पर लगाम लगा दिया है।
किसी भी जमीन पर एक-दो बिसवा के प्लाट की रजिस्ट्री तभी होगी जब उसका विकास प्राधिकरण में ले-आउट पास होगा। डीएम के फरमान के बाद उपनिबंधक सदर सौरभ कुमार राय ने रजिस्ट्री पर रोक लगा दिया है। वहीं एडीएम सचिव बाबू सिंह ने कहा कि बिना ले-आउट पास कराये किसी भी जमीन की रजिस्ट्री पर तो अब रोक लग गई है। दीपावली के बाद से अवैध रुप से प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ अभियान चला कर कार्रवाई की जायेगी। अबतक एडीए ने ऐसे 65 प्लाटों का ध्वस्तीकरण कर चुका है। अन्य कई प्लाट भी चिन्हित है। जिस पर दीपावली बाद कार्रवाई शुरू होगी।