AKTU ने आपदा को अवसर में बदला, E Content का कांसेप्ट गवर्नर को पसंद आया

इस अवसर पर आनंदीबेन पटेल ने कहा कि एकेटीयू द्वारा कोविड-19 महामारी के इस दौर में नियमित रूप से ई-कंटेंट की उपलब्धता कराना सराहनीय रहा है| उन्होंने कहा लॉकडाउन के दौरान विवि द्वारा 3 हजार घंटे के ई-कंटेंट को डिजिटली विद्यार्थियों तक पहुंचाने का कार्य भी प्रसंसनीय है|

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डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि का स्थापना दिवस रविवार को विवि के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से समारोह पूर्वक मनाया गया| इस अवसर पर प्रदेश की राज्यपाल एवं विवि की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया| साथ ही राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी, अपर मुख्य सचिव प्राविधिक शिक्षा राधा एस चौहान एवं प्रो मंगल सुंदरम, चीफ कार्डिनेटर, डीटीएच, आईआईटी, मद्रास ने बतौर विशिष्ट अतिथि प्रतिभाग किया|

विवि के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से आयोजित स्थापना दिवस समारोह में सभी का स्वागत किया| उन्होंने कहा कि विवि, कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के मार्गदर्शन में लगातार सकारात्मक प्रगति कर रहा है|

उन्होंने कहा कि कुलाधिपति द्वारा प्राप्त मार्गदर्शन का परिणाम रहा है कि विवि द्वारा कोविड-19 महामारी के कारण हुए लॉकडाउन में भी टेक्नोलॉजी के मदद से सक्रियता से कार्य करता रहा है| उन्होंने कहा कि प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी एवं अपर मुख्य सचिव प्राविधिक शिक्षा राधा एस चौहान के निर्देशन ने भी विवि को शीर्ष पर पहुँचाने का कार्य किया है| उन्होंने कहा कि एकेटीयू प्रदेश में ‘स्वयंप्रभा’ पर डिजिटल कंटेंट का प्रसारण शुरू करने वाला पहला प्राविधिक विवि बनने जा रहा है|

प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी अस्वस्थता के कारण समारोह में प्रतिभाग नहीं कर सकीं| उनके द्वारा प्रेषित सन्देश को समारोह के दौरान पढ़ा गया| समारोह के दौरान कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के द्वारा विवि के 178 मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहन धनराशि प्रदान करके सम्मानित किया गया| विद्यार्थियों को विवि की टैलेंट इंसेंटिव स्कीम के अंतर्गत प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की गयी|

इनमें उत्तर प्रदेश राज्य प्रवेश परीक्षा के 2018 एवं 2019 के 60 मेधावी, विभिन्न पाठ्यक्रमों के प्रथम वर्ष के 42 मेधावी, विभिन्न पाठ्यक्रमों के द्वितीय वर्ष के 33 मेधावी, विभिन्न पाठ्यक्रमों के तृतीय वर्ष के 36 एवं चतुर्थ वर्ष के 7 मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया| उत्तर प्रदेश राज्य प्रवेश परीक्षा के 2018 एवं 2019 के 60 मेधावी को 7500 रूपये बतौर प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की गयी| जबकि प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष, तृतीय वर्ष एवं चतुर्थ वर्ष के प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को 15000 रूपये एवं द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को 10000 रूपये की प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की गयी|

श्रीमती आनंदीबेन पटेल के द्वारा स्वयंप्रभा चैनल पर विवि द्वारा निर्मित डिजिटल कंटेंट के प्रसारण का शुभारम्भ किया गया| इस डिजिटल कंटेंट में प्राविधिक शिक्षा के डिग्री एवं डिप्लोमा दोनों के डिजिटल कंटेंट के प्रसारण का शुभारम्भ शामिल है| विवि का डिजिटल कंटेंट स्वयंप्रभा के चैनल नंबर 15 पर प्रसारित किया जायेगा| प्रतिदिन सायंकाल 4 बजे, रात्रि 12 बजे एवं सुबह 8 बजे दो घंटे प्रसारित किया जायेगा|

इस अवसर पर आनंदीबेन पटेल ने कहा कि एकेटीयू द्वारा कोविड-19 महामारी के इस दौर में नियमित रूप से ई-कंटेंट की उपलब्धता कराना सराहनीय रहा है| उन्होंने कहा लॉकडाउन के दौरान विवि द्वारा 3 हजार घंटे के ई-कंटेंट को डिजिटली विद्यार्थियों तक पहुंचाने का कार्य भी प्रसंसनीय है| उन्होंने कहा स्वयं प्रभा चैनल पर डिजिटल कंटेंट के प्रसारण का निर्णय ऐतिहासिक है| स्वयंप्रभा चैनल के माध्यम से सुदूर के विद्यार्थियों तक प्राविधिक शिक्षा के गुणवत्तापूर्ण डिजिटल कंटेंट की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी|

उन्होंने कहा कि विवि ने यूनिवर्सिटी इंडस्ट्री इंटरफेस सेल के माध्यम से पूल कैम्पस प्लेसमेंट के लिए सफल प्रयास किये हैं| विवि की कार्य प्रणाली का डिजिटलीकरण भी सराहनीय है| उन्होंने कहा संस्थानों की गुणवत्ता सुधर के लिए विवि द्वारा एनबीए एक्रिडिटेशन के लिए भी सफल प्रयास किये जा रहे हैं| उन्होंने कहा कि विभिन्न संस्थानों की कुल 62 ब्रांचो को हाल ही में एनबीए से एक्रिडिटेशन प्राप्त हुआ है| उन्होंने कहा कि एकेटीयू एवं उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इनोवेशन एवं इन्क्यूबेशन को बढ़ावा देने के लिए एक कंपनी की स्थापना किये जाने पर कार्य चल रहा है| इस कम्पनी की स्थापना प्राविधिक शिक्षा में प्रोडक्ट बेस्ड लर्निंग के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी|

समारोह के दौरान राज्य सभा सदस्य डॉ.सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि विवि ने पिछले 20 वर्षों में प्रदेश की तकनीकी शिक्षा के विकास में अहम् भूमिका का निर्वाह किया है| उन्होंने कहा मैं इस विवि का हिस्सा रहा हूँ| ऐसे में विवि की प्रगति देखकर मुझे हमेशा हर्ष होता है| उन्होंने कहा कि यदि हमें भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए टेक्नोलॉजी के विद्यार्थियों और शिक्षकों को प्रयास करने होंगे| उन्होंने कहा कि विवि को टेक्नोलॉजी के इस दौर में ऐसी तकनीकी सुविधाएँ एवं उपकरण विकसित करने पर भी शोध कार्य करने चाहिए, जिसमें हम टेक्नोलॉजी के फालोवर बनने के स्थान पर टेक्नोलॉजी के लीडर बन सकें| उन्होंने कहा कि वैदिक गणित इस तरह के शोध कार्यों में सहायक सिद्ध हो सकती है| उन्होंने कहा कि विवि द्वारा कोविड-19 महामारी के दौर में ई-कंटेंट्स के विकास के लिए सराहनीय कार्य किया गया है |

उन्होंने अपनी सांसद विकास निधि से विवि को मोबाइल स्टूडियो वैन देने की घोषणा की| सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ई-कंटेंट तैयार करने के लिए यह वैन सीधे शिक्षक के निवास स्थान पर जाकर ऑडियो-विजुअल कंटेंट रिकॉर्ड करेगी| इससे इस महामारी में ई-कंटेंट प्रोड्यूस करने का कार्य अनवरत रूप से संचालित हो सकेगा|

राधा एस चौहान ने कहा कि एकेटीयू द्वारा तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए सकारात्मक कार्य किये जा रहे हैं| उन्होंने कहा कि विवि द्वारा मानव के लिए उपयोगी टेक्नोलॉजी विकसित की जा रही है| कोविड-19 महामारी के दौरान विकसित किये गये उपकरण उदाहरण मात्र हैं| उन्होंने कहा कि बाल विकास विभाग द्वारा प्रदान किये जाने वाले पुष्टाहार की गुणवत्ता की सुनिश्चतता के लिए एकेटीयू द्वारा फ़ूड टेक्नोलॉजी में शोध कार्यों के माध्यम से सहयोग प्रदान किया जा रहा है| जोकि बच्चों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी सिद्ध होगा| उन्होंने कहा विवि रोबोटिक्स, मैकाट्रोनिक्स एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित शोध कार्यों के क्षेत्र ने उत्कृष्ट कार्य कर रहा है|

प्रो मंगल सुंदरम ने कहा कि स्वयं प्रभा के चैनल 15 पर एकेटीयू एवं डिप्लोमा सेक्टर के डिजिटल कंटेंट का नियमति प्रसारण किया जायेगा| अंत में विवि के कुलसचिव नन्द लाल सिंह ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया|

इस अवसर पर विवि के प्रतिकुलपति प्रो विनीत कंसल, वित्त अधिकारी जीपी सिंह, परीक्षा नियंत्रक प्रो राजीव कुमार, आईईटी के निदेशक प्रो एचके पालीवाल, सीएएस के निदेशक प्रो मनीष गौड़, यूपीआईडी के निदेशक प्रो वीरेन्द्र पाठक, एफओए की डीन प्रो वंदना सहगल, डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो ओपी सिंह, डीन पीजी प्रो एमके दत्ता, डीनयूजी प्रो सुबोध वैरिया एवं सम्बद्ध संस्थानों के चेयरमेन, निदेशक, शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं ने ऑनलाइन प्रतिभाग किया|

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