राफेल : फ्रांस में जांच, भारत में उस जांच की आंच

मीडियापार्ट के पत्रकार यैन फिलिपपिन ने राफेल सौदे को लेकर एक के बाद एक कई रिपोर्ट दी थी। इसमें दावा किया गया था कि इस मामले में पहली शिकायत 2019 में दी गई थी, मगर तत्कालीन पीएनएफ प्रमुख एलियने हाउलेते ने इस शिकायत को दबा दिया था।

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लखनऊ / दिल्ली । भारत के साथ 59,000 करोड़ रुपये के राफेल जंगी विमानों के सौदे को लेकर अब फ्रांस में न्यायिक जांच शुरू हो गई है। फ्रांस की लोअर कोर्ट ने शिकायतों दम संज्ञान लेते हुए  एक जज को इस बेहद संवेदनशील सौदे की जांच का जिम्मा सौंपा है, जो सौदे में भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोपों की जांच करेंगे। फ्रांसीसी खोजी वेबसाइट मीडियापार्ट ने यह रिपोर्ट देते हुए कहा है कि इस मामले में देश की बड़ी हस्तियाें से पूछताछ की जा सकती है। 

रिपोर्ट के मुताबिक, जांच में राफेल सौदे के समय राष्ट्रपति रहे फ्रांस्वा ओलांद और मौजूदा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से भी पूछताछ की जा सकती है। मैक्रों सौदे के वक्त वित्त मंत्री थे, ऐसे में उनके कामकाज को लेकर सवाल किए जाएंगे। वहीं, तत्कालीन रक्षा मंत्री और अब फ्रांस के विदेशी मंत्री जीन-यवेस ले ड्रियान से भी पूछताछ हो सकती है। मीडियापार्ट के मुताबिक, इस न्यायिक जांच के आदेश फ्रांस की राष्ट्रीय वित्तीय अभियोजक (पीएनएफ) के दफ्तर ने दिए थे। 

जांच में 2016 में विमानन कंपनी दसॉल्ट एविएशन के 36 राफेल सौदे की जांच होगी। मीडियापार्ट ने कहा है कि 2016 में अंतर सरकारी सौदे की जांच की जाएगी, जिसे औपचारिक तौर पर इस साल 14 जून को शुरू किया गया था। इस जांच के आदेश फ्रांसीसी गैर सरकारी संगठन शेरपा की शिकायत और मीडियापार्ट की अप्रैल में सौदे में धांधली की रिपोर्टों के आधार पर दिए गए हैं। शेरपा को वित्तीय अपराध से जुडे़ मामलों में गहरी पैठ है।

मीडियापार्ट के पत्रकार यैन फिलिपपिन ने राफेल सौदे को लेकर एक के बाद एक कई रिपोर्ट दी थी। इसमें दावा किया गया था कि इस मामले में पहली शिकायत 2019 में दी गई थी, मगर तत्कालीन पीएनएफ प्रमुख एलियने हाउलेते ने इस शिकायत को दबा दिया था। 

यैन ने ट्वीट कर यह जानकारी देते हुए कहा, मीडियापार्ट की राफेल पेपर्स नाम से शुरू किए गए खुलासों के बाद आखिरकार न्यायिक जांच शुरू हो गई। अब पीएनएफ के नए प्रमुख जीन फ्रैंकोइस बोहर्ट ने जांच का समर्थन करने का फैसला किया है। 

गौरतलब है कि भारत की एनडीए सरकार ने 23 सितंबर, 2016 को 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए फ्रांसीसी विमानन कंपनी दसॉल्ट एविएशन से 59,000 करोड़ रुपये का करार किया था। 

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