योगी के अधिकारियों पर दबंगों की दबंगई भारी, महराज! ऐसे कैसे आयेगी रामराज की बारी?

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आनलाइन व्यवस्था के जरिये पारदर्शी प्रक्रिया की ओर पहल की थी लेकिन अधिकारियों की लापरवाही और दंबगों की दादागिरी के आगे यह व्यवस्था भी दम तोड़ती नजर आ रही है। पढिये न्यूज डॉन की एक्सक्लूसिव स्टोरी

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लखनऊ / मऊ । योगी के अधिकारी ही योगी सरकार को पलीता लगाने की तैयारी में हैं, ताजा मामला मऊ जिला के दोहरीघाट में गेहूँ क्रय केन्द्र पर किसानों के गेहूँ की खरीद से जुड़ा है क्षेत्र के किसान गेहूं खरीद में अव्यवस्था के चलते काफी आक्रोशित हैं। हमारी रिपोर्टर मुस्कान ने इस पूरे मामले में ग्राउण्ड जीरो से रिपोर्ट की है। 

उनकी समस्या पूछे जाने पर क्षेत्र के किसानों मधुसूदन उपाध्याय, जयप्रकाश राय, बिरजा यादव, जितेन्दर सिंह रामप्रवेश राय , शिव बदन, राजेन्द्र ने बताया कि उनका टोकन नम्बर आने के बाद भी 15 दिनों तक गेहूँ लदी ट्राली के साथ इन्तजार करने के बाद भी गेहूँ नहीं खरीदा गया, जब किसानों ने क्रय केन्द्र प्रभारी से पूछा तो उन्होनें कहा कि अब खरीद नहीं की जायेगी क्यों की गेहूं खरीद की आखिरी तिथि 15 जून थी जो बीत चुकी है इसलिए हम खरीद नहीं कर पाएंगे। 

किसानों ने न्यूज डॉन से बात करते हुए कहा कि जब उन्होंने  इस विषय पर जानना चाहा कि जब उनका टोकन एक जून तो किसी का 26 मई का था फिर  उनके फसल की खरीद 15 जून तक क्यों नहीं किया गया? इस सवाल पर दोहरीघाट क्रय केन्द्र प्रभारी व जिला खाद्य विपणन अधिकारी ने फोन पर बात की वो पहले तो खराब मौसम व बारिश का बहाना बना कर गेहूं खरीद को टालते रहे  लेकिन बार बार सवाल करने पर उन्होंने बताया कि दबंगो के दबाव के चलते आपकी खरीदारी नहीं हो सकी क्यों कि दबंगों का टोकन नम्बर बाद में होते हुए भी उनकी खरीददारी पहले हुई जिसके कारण यह अव्यवस्था हुई। 

अब हालत यह है कि पिछले 7-8 दिनों से लगातार बारिश की वजह से किसानों के तमाम इन्तजाम के बावजूद उनके गेहूँ में अच्छी खासी नमी आ गई है जिसको अब आढ़तिया और निजी खरीदार भी खरीदने से इनकार कर रहे हैं। किसानों का आरोप है कि क्रय केन्द्र पर वह अपने टोकन में दिए गए नियत समय से पहुंच गए थे क्रय केन्द्र प्रभारी  ने कहा था कि ट्राली यहीं रहेगी तभी खरीद हो पाएगी । जिसकी वजह से  किसान बारिश में भी तिरपाल प्लास्टिक से अच्छी तरह ढंक कर टोकन की नियत तिथि से खबर लिखे जाने तक सुबह से शाम और रात में भी इन्तजार करते रहे लेकिन खरीद की आखिरी तिथि भी समाप्त हो गई और इन किसानों के गेहूँ की खरीद नहीं हुई। 

न्यूज डॉन से किसानों का यह भी कहना है कि क्रय केन्द्र प्रभारी कभी भी क्रय केन्द्र पर समय से नहीं आते थे वह रोज दोपहर एक बजे के बाद ही पंहुचते थे किसानों का कहना है कि अगर नियमानुसार खरीद हुई होती तो उन्हें इतना नुकसान नहीं उठाना पड़ता जब वह अपनी फसल यहां लाए थे उसके 7-8 दिनों बाद तक मौसम सही था। अब किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह उनके साल भर की कमाई थी अब वह आगे की फसल कैसे उगाएंगे जुताई, बीज और खाद कहाँ से खरीदेंगे, बच्चों के स्कूल की पढ़ाई और बुजुर्ग मॉ बाप की दवाई कैसे आ पायेगी। 

आपको बताते चलें कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आनलाइन व्यवस्था के जरिये पारदर्शी प्रक्रिया की ओर पहल की थी लेकिन अधिकारियों की लापरवाही और दंबगों की दादागिरी के आगे यह व्यवस्था भी दम तोड़ती नजर आ रही है वहीं दबे मुंह अधिकारी  स्वीकार कर रहे हैं कि दबंगो के आगे वो आज भी  बेबस हैं और प्रशासन बौना। 

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