लखनऊ / शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के जुब्बल कोटखाई से बीजेपी एमएलए नरिंदर सिंह बरागटा का निधन हो गया है। चंडीगढ़ पीजीआई में उनका लंबे वक्त से इलाज चल रहा था लेकिन अन्ततः वह जिंदगी की जंग को हार गए।
नरिंदर बरागटा हाल ही में कोरोना से रिकवर हुए थे। ठीक होने के बाद उनकी तबीयत फिर बिगड़ गई और चंडीगढ़ पीजीआई में शनिवार सुबह को उन्होंने दम तोड़ दिया। बता दें कि शुक्रवार को ही प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने पीजीआई जाकर उनका हालचाल जाना था।
नरिंदर सिंह बरागटा के बेटे चेतन बरागटा ने यह जानकारी सोशल मीडिया पर दी है। चेतन बरागटा ने फेसबुक पोस्ट के जरिए लिखा कि मेरे पिता और हम सभी के प्रिय बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री, हिमाचल प्रदेश सरकार में मुख्य सचेतक सम्मानीय नरिंदर जी स्वास्थ्य से संबंधित लंबे संघर्ष के बाद जीवन की अंतिम लड़ाई हार गए।
उन्होंने कहा, मेरे परिवार के सदस्यों सहित मैं समस्त समर्थकों, कार्यकर्ताओं को बड़े दुखी मन के साथ यह खबर दे रहा हूं कि नरेंद्र बरागटा जी अब हमारे मध्य नहीं रहे। कोविड-19 के चलते तमाम शुभचिंतकों, समर्थकों व कार्यकर्ताओं से निवेदन रहेगा कि धैर्य और संयम बनाए रखें । दुख भरे इस घड़ी में हमारे जीवन के सबसे दुखदाई चरण आप सभी के साथ साझा कर रहा हूं। मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा के निधन के कारण हिमाचल प्रदेश की कैबिनेट की बैठक स्थगित कर दी गई है। यह बैठक आज सुबह 10:30 बजे पीटरहॉफ शिमला में होनी थी। हिमाचल प्रदेश में आज होने वाली कैबिनेट की बैठक काफी अहम थी और इसमें कई अहम फैसले होने थे।
नरिंदर बरागटा का जन्म 15 सितंबर 1952 को शिमला जिले के जुब्बल कोटखाई में हुआ था। उन्होंने हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से राजनीतिक विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन की थी। उनके दो बेटे हैं, साल 1993 से 1990 तक उन्हें जिला भाजपा का सचिव बनाया गया। इसके अलावा, वह भाजपा राष्ट्रीय किसान मोर्चा के सचिव भी रहे। पहली बार वो 1998 में शिमला सीट से विधायक बने। इसके बाद वो दूसरी बार जुब्बल कोटखाई से 2007 में विधायक बने और तीसरी बार 2017 में बीजेपी विधायक बने।