एक चुटकी सिंदूर की कीमत 51 तोला सोना!

शादी के एक साल भी नहीं हुए थे कि ससुराल से 51 तोला सोना की मांग की जाने लगी जब बहू अपने ससुराल वालों की डिमांड नहीं पूरी कर पाई तो उसे हमेशा हमेश के लिए दफन कर दिया। मामला महाराष्ट्र के बारामती जिले का है, पढिये हमारी संवाददाता अनामिका सिंह की रिपोर्ट

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लखनऊ / बारामती। दहेज शब्द से आज हर वो इंसान परिचित है जो इस का समाज का हिस्सा हैं। खासकर जिस घर में लड़की है, आज जिस घर में लड़की पैदा होती है मां बाप उसके जन्म के साथ ही दहेज के बारे में सोचने लगते हैं यूं तो दहेज मां बाप द्वारा दिया गया उपहार है लेकिन समाज ने आज इसे बहुत ही गलत ढंग से लेना शुरू कर दिया है। 

“दहेज का दबाव लगातार जिंदगियां छिनता जा रहा है आज फिर एक लड़की को इस दहेज की वजह से अपनी जान गवानी पड़ी ”

मामला महाराष्ट्र के बारामती के सांगवी गाव से आया है यहां भी सिर्फ दहेज की वजह से ही एक बहु को जहर देकर मार डाला गया। 21 साल की गीतांजलि की शादी सालभर पहले ही सांगवी गांव के अभिषेक तावरे से हुई थी। 24 मई को ही दोनों की शादी की पहली सालगिरह थी। 

सालगिरह के कुछ दिन बाद पति ने गीतांजलि के रिश्तेदारों को फोन कर जानकारी दी कि उसने जहर खा लिया है। गीतांजलि को तत्काल बारामती के निजी अस्पताल में इलाज के लिए दाखिल किया गया पर आगे की जांच के लिए उसे पुणे में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. गुरुवार सुबह 8 बजे के करीब इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

गीतांजलि की चाची नमिदा यादव ने ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने बताया कि शादी में गीतांजलि को 51 तोला सोने के गहने देने की मांग ससुराल वालों ने की थी. घर के हालात अच्छे ना होने की वजह से ससुराल वालों की इस मांग को पूरा नहीं कर सके। 

शादी के कुछ दिन बाद से ही गीतांजलि के सास और ससुर ने मायके से सोने के गहने और कपड़े लाने के लिए ताने मारने शुरू कर दिए. हालात खराब होने के बावजूद मायके वालों ने अब तक 25 तोला सोना दे दिया था फिर भी ससुराल वालों का मन नहीं भरा था। 

उन्होंने आगे बताया कि सोना लाने के लिए गीतांजलि के साथ बार-बार मारपीट भी की जाती थी. जिससे नाराज होकर गीतांजलि कुछ दिनों के लिए मायके भी चली गई थी, पर रिश्तेदारों ने उसे समझा-बुझाकर फिर ससुराल भेजा था।दो दिन पहले उनकी शादी की सालगिरह थी उन्होंने आरोप लगाया कि केक काटकर सालगिरह मनाने के बाद गीतांजलि को उसके पति, सास-ससुर और ननद ने मारपीट की और उसे जहर देकर मारा। 

मायके वालों ने ससुराल वालों के घर के आंगन में ही लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया गुरुवार सुबह इलाज के दौरान गीतांजलि की मौत हो गई। इसके बाद मायके वालों ने उसका अंतिम संस्कार ससुराल वालों के आंगन में ही करने का फैसला किया इससे गांव में तनाव बढ़ गया।

100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की तैनाती के बीच  शुक्रवार को पुणे के ससून अस्पताल में उसके शव को पोस्टमार्टम करके सांगवी गांव में लाया गया तो गुस्साए रिश्तेदारों ने घर के आंगन में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया। 

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