इतना तो करम कीजिये जरूर, वैक्सीन पर तो GST ना लगाईये हुजूर

कोविड वैक्सीन पर 5% की GST लग रही है जिसको लेकर एक नया हंगामा खड़ा हो गया है विरोधी दलों की प्रदेश सरकारों ने भी जीएसटी को लेकर केन्द्र पर निशाना साधा है।

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लखनऊ / दिल्ली। कोविड महामारी की दूसरी लहर ने पूरे देश को झकझोर रखा है। एक तरफ ऑक्सीजन की कमी ने लोगों की परेशानियों को बढ़ा दिया है और मरीजों को हॉस्पिटल में एड्मिट होने के लिए बेड्स भी नहीं मिल रहे। वहीं दूसरी तरफ लोगों को लगने वाले वैक्सीन पर 5% जीएसटी लगने से प्रदेश सरकार की मुश्किल बढ़ गई हैं। कोविड वैक्सिन पर जीएसटी लगने से अब एक नया हंगामा शुरू हो गया है। प्रदेश सरकार का कहना है कि वैक्सिन की कीमत पहले से ही ज्यादा है ऐसे में 5% जीएसटी उन्हें और भी मुश्किल में डाल रहा है।

वैक्सीन पर जीएससटी लगने के कारण केन्द्र पर उठ रहे सवाल

शुक्रवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस मामले में निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा था जो कि इस वक्त केन्द्रीय वित्त मंत्री हैं। नवीन पटनायक ने यह मांग की थी कि वैक्सीन पर लगने वाले जीएसटी को हटा दिया जाय।

अब शनिवार को इस मामले पर राहुल गांधी ने भी ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को निशाने पर लिया है। राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में कहा कि जनता की जान भले ही चले जाए पर प्रधानमंत्री मोदी की टैक्स वसूली चलती रहनी चाहिए। अपने ट्वीट में उन्होनें हैशटैग के साथ जीएसटी को भी जोड़ा।

विदेशों से आ रही वैक्सीन पर नहीं लग रहा कोई जीएसटी

बता दें कि बाहरी देशों से आने वाले वैक्सीन पर लगाई गई जीएसटी को केन्द्र सरकार ने खत्म कर दिया है। लेकिन राज्यों को दिए जाने वाले या पूरे देश के अन्दर कहीं पर भी वैक्सीन खरीदने पर अब भी 5% जीएसटी लिया जा रहा है।

राज्यों का कहना है कि जीएसटी लगने से उन पर ज्यादा खर्च पड़ रहा है। भारत में इस वक्त एक कोविशील्ड डोज की कीमत 300 रूपए है जो जीएसटी की वजह से 315 हो गया और एक कोवैक्सीन डोज की कीमत 400 रूपए है जो 5% जीएसटी की वजह से अब 420 रूपए हो गया है। राज्स सरकारें वैक्सीन पर लगने वाले टैक्स की छूट की मांग कर रहे हैं।अगर केन्द्र सरकार की बात करें तो सरकार को दोनों ही वैक्सीन के एक डोज के लिए 150 रूपए देना पड़ता है।

भारत में तीन वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी जिसमें रसिया का स्पुतनिक-V भी शामिल

रतलब है कि पूरे देश में इस वक्त तीन तरह की वैक्सीन को इस्तेमाल करने की मंजूरी मिली है। जिसमें कोविशिल्ड को सीरम इंस्टीट्यूट बनाता है और कोवैक्सिन को भारत बायोटेक और आईसीएमआर एक साथ मिल कर बनाते हैं। इसके अलावा इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए रसिया के वैक्सीन स्पुतनिक-V को भारत में मंजूरी दी गई है, जिसे भारत के डॉक्टर रेड्डी लैब में बनाया जाएगा। स्पुतनिक-V वैक्सीन की कीमत को अभी तय नहीं किया गया है।

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