मुख्तार को उन्हीं की मांद में घेरने आया टाइगर

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गाजीपुर। मुहम्मदाबाद सीट को लेकर नामांकन के आखिरी दिन गुरुवार की सुबह सपा-कांग्रेस में खिचड़ी पकनी शुरू हुई। आखिर में तय हो गया कि अब सपा के हैदर अली टाइगर उम्मीदवार होंगे। उनका सिंबल लखनऊ से हेलीकाप्टर से आ रहा है। पहले सपा से गठबंधन में यह सीट कांग्रेस के खाते में गई। कांग्रेस के जनक कुशवाहा नामांकन भी कर चुके थे लेकिन सुबह पहले कांग्रेस के जिला नेतृत्व ने सपा के वरिष्ठ नेता राजेश राय पप्पू से सुबह फोन पर संपर्क किया। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव गुलाम नबी आजाद से बात कराई गई। आजाद ने कहा कि वह सिंबल हेलीकाप्टर से भेज रहे हैं लेकिन पप्पू ने साफ इन्कार कर दिया। तब सपा मुखिया अखिलेश यादव के भरोसेमंद नेता एसआरएस यादव ने पप्पू से फोन पर बात की। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस से गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में नामांकन करें। पप्पू उनसे भी अपनी बात दोहराए कि वह सपा के खाटी कार्यकर्ता हैं। चुनाव लड़ेंगे तो साइकिल से वरना गठबंधन की जीत के लिए वह पूरी मेहनत करेंगे। उसके बाद फिर घटनाक्रम बदला। आरएस यादव ने अपनी पार्टी के हैदर अली टाइगर से फोन पर संपर्क किया। टाइगर ने बताया कि श्री यादव के निर्देश के बाद वह आजमगढ़-मऊ के रास्ते गाजीपुर पहुंच रहे हैं। इसी बीच सपा जिलाध्यक्ष डॉ.नन्हकू यादव ने बताया कि हैदर अली टाइगर मुहम्मदाबाद सीट से सपा उम्मीदवार के रूप में नामांकन करेंगे। उनके नामांकन की कागजी कार्यवाही शुरू कर दी गई है। लखनऊ से सिंबल लेकर हेलीकाप्टर से पार्टी का कोई बड़ा नेता गाजीपुर पहुंचने वाला है। आखिर ऐन मौके पर हेरफेर के पीछे सपा-कांग्रेस गठबंधन की मंशा क्या है। इस सवाल पर दोनों दलों के गाजीपुर के नेता शीर्ष नेतृत्व का फैसला बता कर टाल रहे हैं लेकिन गाजीपुर के राजनीतिक हलके में चर्चा यही है कि ये कांटे से कांटा निकालने की पूरी कवायद है आपको बता दें कि हैदर अली एक समय मुख्तार अंसारी के दाहिने हाथ माने जाते थे।

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