नई दिल्ली: बवालों के बीच सरकार ने बजट पेश करने का फैलसा ले लिया है जिस पर विपक्ष अपनी नजर बनाये हुए है, विपक्षी दलों का कहना है कि उन्होंने अपनी निगाहें बजट पर लगा दी हैं, चुनाव वाले पांचों राज्यों में से किसी के लिए भी कोई खास ऐलान व्यवधान की वजह बनेगा|
सरकार इस बजट को बड़े ही शांतिपूर्ण ढंग से पेश करने के पक्ष में है| उसके एजेंडे में 24 नए और पुराने विधेयक हैं जबकि विपक्षी दलों का कहना है कि वे नोटबंदी के मुद्दे को फिर उठाएंगे, आपको बता दें कि विपक्षी दलों ने मांग की थी कि पांच राज्यों में होने वाले चुनाव के मद्देनजर बजट को बाद की किसी तिथि में पेश किया जाए, मामला निर्वाचन आयोग में पहुंचा,आयोग ने तिथि में बदलाव की बात तो नहीं कही लेकिन निर्देश दिया कि चुनाव वाले राज्यों के लिए बजट में किसी योजना या सुविधा का ऐलान नहीं किया जाए|
आयोग के निर्देश के बावजूद विपक्ष को शक है कि सरकार ऐसी योजना-सुविधा का ऐलान चुनाव वाले राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के लिए कर सकती है, सदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि वस्तु एवं सेवा कर विधेयक समेत 24 नए एवं पुराने विधेयक लंबित हैं, उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि संसद सामान्य रूप से चलेगी और चर्चा व बहस होगी, सरकार नियमों के तहत और आसन की अनुमति से विपक्ष के उठाए सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है.”