होश में “हां” है तो रेप नहीं , नशे में हामी भरना रजामंदी नहीं

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यदि कोई महिला नशे में सेक्स के लिए हामी भरती है तो उसे उस महिला की रजामंदी नहीं मानी जाएगी ,उस दौरान यदि महिला एक बार भी “नहीं” कहती है तो उसका मतलब कि उसकी सेक्स की इच्छा नहीं है | यह फैसला बाम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई के एक केस में दे दिया है | कोर्ट ने कहा कि नशे की  हालत में महिला पूरी तरह होश में नहीं रहती है लिहाजा वह हामी भरने की स्थिति में नहीं होती है |नशे  में यदि महिला हामी भरती है तो वह अवैध माना जायेगा | इसी तरह जब कोई महिला अपने पूरे होशो हवास में “हाँ” कहती है तो उसे रेप नहीं माना जायेगा | न्यायमूर्ति मृदुला भटकर ने कहा , आईपीसी की धारा 375 के तहत हर ” हाँ ” को वैध करार नहीं दिया जा सकता और न ही किसी की चुप्पी को उसकी सहमति माना जा सकता है |

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