संस्कृति महोत्सव का आयोजन संस्कृति गौरव के लिए महत्वपूर्ण

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आज जनपद प्रयागराज में ज्वालादेवी इण्टर कालेज आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय संस्कृति महोत्सव का शुभारंभ किया I कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हो इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए भारतीय संस्कृति के गौरव से नयी पीढ़ी को परिचित कराने के लिए ऐसे आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त कीI कहा कि बच्चों को प्राइमरी स्कूल से ही योग शिक्षा, संस्कृति का ज्ञान दिया जाना चाहिए। बच्चों के विकास के लिए उनको अच्छे संस्कार दिए जाने चाहिए। हर बच्चे में कोई न कोई प्रतिभा होती है। इस तरह के प्रोग्राम के माध्यम से बच्चों के अंदर छिपी उनकी प्रतिभाओं को और निखारा जा सकता है। देश संचालन में अंतर्निहित मूल्यों पर कहा कि हर देश अपनी शिक्षा व्यवस्था को अपने सांस्कृतिक एवं जीवन मूल्यों के साथ जोड़कर राष्ट्र निर्माण के लक्ष्यों के अनुसार सुधार करते हुए चलता है। मकसद ये होता है कि देश की शिक्षा व्यवस्था अपनी वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को उज्ज्वल और सुरक्षित करे। कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भी इसी सोच पर आधारित है। शिक्षा नीति इक्कीसवीं सदी के भारत की नींव तैयार करने वाली है। इस नीति की सबसे बड़ी विशेषता एक मजबूत अनुसंधान संस्कृति को बढ़ावा देना है।

बच्चों के ज्ञानवर्धन के लिए पुस्तकालय बहुत ही आवश्यक बताया। कहा कि पुस्तकालयों में भारत की आजादी से सम्बंधित पुस्तकों को रखा जाये, जिससे कि हमारी युवा पीढ़ी को इस बात की जानकारी हो कि भारत को आजाद कराने में किन महापुरूषों का क्या योगदान रहा था I इसके साथ ही आजादी से सम्बंधित नाटकों को तैयार कर बच्चों को अवश्य दिखाया जाना चाहिए, जिससे आज की युवा पीढ़ी चरित्रवान, देशप्रेमी और देश को आगे ले जाने वाली बने।

अपने संबोधन में महिला सशक्तिकरण की चर्चा भी की I कहा कि जब तक महिलाएं आगे नहीं बढ़ेगी तक तक देश की उन्नति सम्भव नहीं है। आज महिलाएं भी सामर्थ्यवान होकर अपना घर चला रही हैं साथ ही अपने बेटे-बेटियों को भी आगे बढ़ने के लिए सही प्रशिक्षण प्रदान कर रही हैं l देश के विकास में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

जल संरक्षण की आवश्यकता को महत्वपूर्ण बताते हुए बच्चों के भविष्य के लिए आज से ही पानी व पर्यावरण संरक्षण करने पर बल दिया। कहा हम सबको यह संकल्प लेना है कि हम पानी की बर्बादी नहीं होने देंगे तथा दूसरों को भी इसके लिए जागरूक करेंगे।

संस्कृति महोत्सव के सफल आयोजन हेतु शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह देश के प्रयासों को तथा भारत के विचारों को दुनिया तक पहुंचाने का माध्यम बने, यही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।

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