पत्र सूचना शाखा
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग, उ0प्र0
(राज्यपाल सूचना परिसर)
——–
राज्यपाल ने डाॅ0 शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को राजभवन से आॅनलाइन सम्बोधित किया
बुनियादी शिक्षा बच्चों के भावी जीवन की आधारशिला होती है
-राज्यपाल श्रीमती आंनदीबेन पटेल
शिशुओं के वार्तालाप से उनकी आंतरिक प्रतिभा सामने आती है
——-
लखनऊः 24 अप्रैल, 2023
प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहाँ डाॅ0 शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा विशेष बच्चों के संदर्भ में ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020: प्रारम्भिक बाल्यावस्था हस्तक्षेप, देखभाल और समावेशी शिक्षा‘‘ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को राजभवन से आॅनलाइन सम्बोधित किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बुनियादी शिक्षा बच्चों के भावी जीवन की आधारशिला होती है। उन्होंने समर्थ समाज और राष्ट्र के लिए शिक्षा की भूमिका महत्वपूर्ण बताते हुए बाल्यावस्था से ही अच्छी शिक्षा का प्रयास करने को कहा। राज्यपाल जी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में शिक्षकों के प्रशिक्षण व्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि जब शिक्षक सीखता है तो देश आगे बढ़ता है। उन्होंने इसके अंतर्गत बाल्यकाल की शिक्षा हेतु और वैज्ञानिक आधार पर शिक्षण व्यवस्था को भी विस्तार से बताया।
अपने सम्बोधन में राज्यपाल जी ने बाल्यावस्था में बालकों की मूलभूत आवश्यकताओं, स्नेहपूर्ण व्यवहार और रूचिपूर्ण पौष्टिक भोजन का ध्यान रखने को भी कहा। उन्होंने कहा कि बच्चे की शिक्षा गर्भ के क्षण से ही प्रारम्भ हो जाती है। इस संदर्भ मं उन्होंने महाभारत काल में अभिमन्यु द्वारा गर्भ में ही चक्रव्यूह भेदने की शिक्षा ग्रहण करने का का उल्लेख करते हुए शिशुओं की संस्कार आधारित शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिशुओं को समय-समय पर वार्तालाप के अवसर भी देने चाहिए, वार्तालाप से उनकी आंतरिक प्रतिभा सामने आती है।
राज्यपाल जी ने विश्वास व्यक्त किया की इस संगोष्ठी के आयोजन से दिव्यांगों एवं प्रारम्भिक बाल्यावस्था हस्तक्षेप देखभाल और समावेशी शिक्षा में वंचित वर्गों के शैक्षिक पुनर्वास के माध्यम से राष्ट्र निर्माण को एक नई दिशा प्राप्त होगी। आज संगोष्ठी के प्रथम दिन के सत्र में प्रो0 रजनी रंजन सिंह, अधिष्ठाता विशेष शिक्षा संकाय एवं राष्ट्रीय संगोष्ठी निदेशक तथा प्रो0 मजहर आसिफ आचार्य जे0एन0यू0, नई दिल्ली के साथ-साथ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 आर0 के0 पी0 सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
संगोष्ठी का शुभारम्भ मटकी में जलधारा प्रावाहित कर जल संरक्षण के संदेश से किया गया। इसके साथ ही पेड़ पर घोंसला बांधकर गौरैया संरक्षण का संदेश भी समारोह में दिया गया।
इस अवसर पर विशेष सचिव दिव्यांगजन सशक्तिकरण श्री अमित कुमार, निदेशक श्री सत्य प्रकाश पटेल, विश्वविद्यालय के अध्यापक, अधिकारी/कर्मचारी एवं अन्य प्रतिभागी उपस्थित थे।
—-
डाॅ0 सीमा गुप्ता
सूचना अधिकारी, राजभवन
सम्पर्क सूत्र- 8318116361