नई संसद में बोले प्रधानमंत्री मोदी —
मुझे विश्वास है, इस संसद में जो जनप्रतिनिधि बैठेंगे, वे नई प्रेरणा के साथ, लोकतंत्र को नई दिशा देने का प्रयास करेंगे,हमारे पास 25 वर्ष का अमृत कालखंड है।
इन 25 वर्षों में हमें मिलकर भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है।ग़ुलामी के बाद हमारे भारत ने बहुत कुछ खोकर अपनी नई यात्रा शुरू की थी।
वो यात्रा कितने ही उतार-चढ़ावों से होते हुए, कितनी ही चुनौतियों को पार करते हुए, आज़ादी के अमृतकाल में प्रवेश कर चुकी है।हमारा लोकतंत्र ही हमारी प्रेरणा है, हमारा संविधान ही हमारा संकल्प है।
इस प्रेरणा, इस संकल्प की सबसे श्रेष्ठ प्रतिनिधि, हमारी ये संसद ही है।जब भारत आगे बढ़ता है तो विश्व आगे बढ़ता है।
संसद का ये नया भवन, भारत के विकास से, विश्व के विकास का भी आह्वान करेगा।ये सिर्फ एक भवन नहीं है।
ये 140 करोड़ भारतवासियों की आकांक्षाओं और सपनों का प्रतिबिंब है।
ये विश्व को भारत के दृढ संकल्प का संदेश देता हमारे लोकतंत्र का मंदिर है।